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'साहस और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा भारत', IIM मुंबई में बोले पीएम मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा

डॉ. मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र से प्रेरित विकसित भारत@2047 के विजन के तहत भारत साहस और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने भारत के 100 से अधिक यूनिकॉर्न और 1.9 लाख स्टार्टअप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने पर भी प्रकाश डाला.

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डॉ. मिश्रा ने 2014 से सरकारी प्रशासन में हुए रणनीतिक सुधारों का विस्तृत विवरण दिया. (Photo- ITG)
डॉ. मिश्रा ने 2014 से सरकारी प्रशासन में हुए रणनीतिक सुधारों का विस्तृत विवरण दिया. (Photo- ITG)

प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने शनिवार को IIM मुंबई के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए एमबीए, कार्यकारी एमबीए और पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि सफलता एक सामूहिक प्रयास का परिणाम है जिसमें शिक्षक, परिवार और सहकर्मी शामिल होते हैं.

डॉ. मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र से प्रेरित विकसित भारत@2047 के विजन के तहत भारत साहस और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने भारत के 100 से अधिक यूनिकॉर्न और 1.9 लाख स्टार्टअप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने पर भी प्रकाश डाला.

उन्होंने मानव संसाधन विकास और नैतिक नेतृत्व पर जोर देते हुए कहा कि केवल तकनीकी कौशल ही पर्याप्त नहीं हैं. दृष्टिकोण, टीम वर्क, खुलेपन, आपसी सम्मान और पारदर्शिता जैसी क्षमताओं का विकास भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. डॉ. मिश्रा ने विद्यार्थियों से निरंतर सीखने और अपने ज्ञान को अपडेट रखने का आग्रह किया.

सिविल सेवा सुधार और मिशन कर्मयोगी

डॉ. मिश्रा ने 2014 से सरकारी प्रशासन में हुए रणनीतिक सुधारों का विस्तृत विवरण दिया. वरिष्ठ अधिकारियों की चयन प्रक्रिया में निष्पक्ष और न्यायसंगत बदलावों से पिछले लगभग एक दशक में शासन प्रणाली में बड़े सुधार हुए हैं. उन्होंने मिशन कर्मयोगी के बारे में बताया, जो 3,300 से अधिक पाठ्यक्रम और 1.3 करोड़ उपयोगकर्ताओं के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी क्षमता निर्माण प्रणाली बन गया है.

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उन्होंने बताया कि मिशन कर्मयोगी ने 30 लाख से अधिक केन्द्रीय लोक सेवकों और राज्यों, शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के 1 करोड़ से अधिक अधिकारियों तक अपनी पहुंच बनाई है. आईजीओटी प्लेटफॉर्म के जरिए अब तक 5 करोड़ से अधिक पाठ्यक्रम पूरे किए जा चुके हैं, जिनमें से 2 लाख पाठ्यक्रम प्रतिदिन लिए जाते हैं.

डिजिटल और वैश्विक पहल

डॉ. मिश्रा ने आईजीओटी की वैश्विक मान्यता और इसके विस्तार की जानकारी देते हुए बताया कि यह कैरिबियाई और अफ्रीकी देशों में भी लागू किया जा रहा है. उन्होंने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और एआई-संचालित शिक्षण योजनाओं के माध्यम से कर्मचारी विकास और प्रशिक्षण की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला.

अपने संबोधन के अंत में डॉ. मिश्रा ने कहा कि भारत केवल सुधार की बात नहीं कर रहा, बल्कि इसे गति, पैमाने और उद्देश्य के साथ लागू भी कर रहा है. उन्होंने स्नातकों से आग्रह किया कि वे अपने नेतृत्वकारी सफर में कर्मयोगी की भावना को आगे बढ़ाएं.

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