दिल्ली के धौला कुआं इलाके में 14 सितंबर को हुए सनसनीखेज BMW हादसे की आरोपी गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर पुलिस ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है. अब शनिवार को आरोपी का वकील अपनी दलील देंगे.
इसी बीच कोर्ट ने हादसे वाली जगह की सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की आरोपी की मांग पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है, जिसकी सुनवाई गुरुवार को निर्धारित है.
14 सितंबर को हुआ था हादसा
ये हादसा 14 सितंबर दोपहर करीब 1 बजे हुआ था, जब गुरुग्राम निवासी 38 वर्षीय गगनप्रीत कौर अपनी BMW कार चला रही थीं. कार में उनका पति, दो बच्चे (7 और 5 वर्षीय बेटियां) और एक नौकरानी भी सवार थी. धौला कुआं के पास कथित तौर पर तेज रफ्तार में कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई, जिसके बाद वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की बाइक कार से टकराई. नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हो गईं. गगनप्रीत और उनका परिवार भी घायल हुआ, लेकिन पुलिस का दावा है कि गगनप्रीत की चोटें उतनी गंभीर नहीं थीं जितनी बताई जा रही हैं.
अचानक हुआ हादसा: वकील
बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में हुई सुनवाई में गगनप्रीत के वकील ने तीखी दलीलें दीं. वकील ने कहा कि हादसा पूरी तरह आकस्मिक था और इसमें कोई इरादा या लापरवाही नहीं थी.
उन्होंने अदालत से सवाल किया कि क्या ये 304A (रसूख मौत का कारण बनना, जिसकी सजा 2 साल तक की कैद) का मामला नहीं बनता? वकील ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर IPC 304 (BNS 105) (गैर-इरादतन हत्या) लगाया है.
उन्होंने कहा, 'पुलिस दबाव में कुछ भी कर सकती है. न्यायिक हिरासत में भेजते वक्त ही दिल्ली पुलिस से पूछा जाना चाहिए था कि 304A क्यों नहीं बना?'
बस चालक को भी करो गिरफ्तार: वकील
वकील ने आगे बताया कि हादसे के वक्त मृतक की बाइक एक बस से भी टकराई थी, इसलिए बस चालक को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
उन्होंने एक एंबुलेंस ड्राइवर का जिक्र किया, जिसने मृतक को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया था और कहा कि उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. गगनप्रीत के वकील ने पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा, 'हमें पीड़ित के प्रति पूरी सहानुभूति है. ये दुखद घटना है और सामान्य एक्सीडेंट है.'
मृतक के अस्पताल ले जाने के मुद्दे पर वकील ने सफाई दी कि गगनप्रीत ने घायल पति और बच्चों को छोड़कर पहले मृतक को अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने कहा, 'हमने अपने ससुर से बात की और परिचित के अस्पताल (न्यू लाइफ हॉस्पिटल, आजादपुर) में ले गए जो 19 किमी दूर है. कोविड के दौरान हमारे बच्चे वहीं भर्ती थे, इसलिए दिमाग में आया.'
वकील ने जोड़ा कि आरोपी ने जांच में पूर्ण सहयोग किया है, कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और दो छोटी बेटियों की मां हैं, इसलिए जमानत दी जानी चाहिए.
इस लिए लगाई 304: पुलिस
दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि गगनप्रीत इतनी घायल नहीं थीं जितना दावा किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'कार की स्पीड बहुत ज्यादा थी, तभी BMW पलट गई. गाड़ी 20 किमी क्यों ले गए? इसीलिए 304 लगाई है. परिवार के सभी सदस्य घायल थे, फिर भी दूर के अस्पताल का चयन किया.'
टैक्सी ड्राइवर का बयान
पुलिस ने टैक्सी ड्राइवर के बयान का हवाला दिया, जिसने कहा कि बार-बार नजदीकी अस्पताल ले जाने को कहा गया, लेकिन गगनप्रीत ने नहीं माना. उन्होंने जोड़ा कि नियम के अनुसार घायल को नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए था. हादसे के बाद मृतक को कॉरिडोर में स्ट्रेचर पर लावारिस छोड़ दिया गया, जबकि गगनप्रीत को ICU में भर्ती कराया गया. पास ही आर्मी का बेस हॉस्पिटल था, वहां क्यों नहीं ले गए? पुलिस ने कहा कि वे कोर्ट को घटना की पूरी जानकारी दे रहे हैं.
पीड़ित परिवार के वकील ने कहा कि गगनप्रीत ने जानबूझकर नजदीकी अस्पतालों को नजरअंदाज किया. नवजोत सिंह की पत्नी संदीप कौर ने FIR में शिकायत की कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार नजदीकी अस्पताल ले जाने की गुजारिश की, लेकिन आरोपी ने अनसुना कर दिया.