भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रोकने को लेकर बनी सहमति के बावजूद भारत पर साइबर हमलों का सिलसिला जारी है. महाराष्ट्र साइबर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मोरक्को और मिडिल ईस्ट के देशों से लगातार साइबर हमले हो रहे हैं.
कोई डेटा चोरी नहीं
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पर करीब 1.5 करोड़ साइबर हमले किए गए, जिनमें से केवल 150 ही सफल रहे. अधिकारियों ने यह भी साफ किया कि मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे या चुनाव आयोग की वेबसाइट पर कोई डेटा चोरी नहीं हुई है.
फेक न्यूज के खिलाफ विशेष अभियान
महाराष्ट्र साइबर विभाग ने सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फेक न्यूज के खिलाफ विशेष अभियान चलाया है. अब तक 83 में से 38 फर्जी पोस्ट हटाई जा चुकी हैं. 'नेशन फर्स्ट, फैक्ट फर्स्ट' अभियान के तहत सेना और सरकार से जुड़ी गलत सूचनाओं पर कार्रवाई की जाएगी.
दो हेल्पलाइन नंबर जारी
ऑनलाइन धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने दो हेल्पलाइन नंबर 1930 और 1945 शुरू किए हैं. रोजाना करीब 7,000 कॉल्स इन नंबरों पर आती हैं, और 100 लाइनें एक साथ काम करती हैं. विभाग के अनुसार, 2019 से अब तक 600 करोड़ रुपये की ठगी को रोका गया, जिसमें से सिर्फ पिछले 6 महीनों में 200 करोड़ रुपये बचाए गए.
हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के आरोप में गिरफ्तार
इस बीच, मध्य प्रदेश के इंदौर में एक 39 वर्षीय सीए छात्र को हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. वह 2021 से सात सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए आपत्तिजनक पोस्ट कर रहा था. यह मामला भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संज्ञान में लाया था.
इसके अलावा, महाराष्ट्र साइबर ने लाओस में साइबर गुलामी में फंसे 6 युवकों को बचाया है. उन्हें जबरदस्ती साइबर अपराध करने पर मजबूर किया जा रहा था. इन युवकों को करंट देने और नाखून उखाड़ने जैसी यातनाएं दी जा रही थीं. जानकारी के अनुसार, लाओस में अब भी 29 भारतीय फंसे हुए हैं.