सीजफायर (ceasefire) एक ऐसा समझौता होता है जिसमें दो या दो से अधिक विरोधी पक्ष अस्थायी या स्थायी रूप से युद्ध को रोकने पर सहमत होते हैं. यह कदम आमतौर पर युद्ध हो रहे क्षेत्रों में शांति बहाल करने, वार्ता का मार्ग प्रशस्त करने और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए उठाया जाता है. सीजफायर केवल गोलीबारी रोकने तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह एक बड़े कूटनीतिक प्रयास का हिस्सा भी होता है.
भारत में सीजफायर भारत-पाकिस्तान सीमा और जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में चर्चा में रही है. 2003 में भारत और पाकिस्तान ने एक द्विपक्षीय सीजफायर समझौता किया था, जिसे कई बार उल्लंघनों के बावजूद फिर से लागू किया गया. 2021 में दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा पर सीजफायर की पुनः पुष्टि की, जिससे सीमावर्ती इलाकों में आम नागरिकों को बहुत राहत मिली.
सीजफायर कोई अंतिम समाधान नहीं है, लेकिन यह युद्ध और हिंसा की आग में एक ठंडक का एहसास जरूर है.
हमास और इजरायल के बीच अप्रत्यक्ष सीजफायर को लेकर पहले दौर की वार्ता बेनतीजा रही. दोहा में अप्रत्यक्ष वार्ता के पहले सत्र के बाद फिलिस्तीनी सूत्रों ने दावा किया कि इजरायली प्रतिनिधिमंडल को पर्याप्त अधिकार नहीं दिए गए हैं और उनके पास हमास के साथ समझौता करने की वास्तविक शक्ति नहीं है.
भारत पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर डोनाल्ड ट्रंप कई बार क्रेडिट ले चुके हैं..हालांकि भारत सरकार ये साफ कर चुकी है कि युद्ध को रोकने की बातचीत द्विपक्षीय थी..अब ट्रंप ने एक बार फिर भारत पाक युद्ध को रुकवाने का दावा किया है.
ईरान-इजराइल युद्ध में पिछले 24 घंटों में कई मोड़ आए हैं, जिससे युद्ध की स्थिति पर अनिश्चितता बनी हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले सीजफायर का ऐलान किया, लेकिन बाद में इजराइल और ईरान दोनों पर सीजफायर तोड़ने का आरोप लगाया. ट्रंप के इस बयान से कि ईरान ने अमेरिकी बेस पर हमले से पहले सूचना दी थी, यह सवाल उठ रहा है कि 'क्या वाकई आपस में फिक्स्ड मैच चल रहा है?'
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि ईरान ने अमेरिकी बेस पर हमले से पहले उन्हें सूचना दी थी. इस दावे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या ईरान और अमेरिका के बीच 'फिक्स्ड मैच' चल रहा है. चर्चा में यह भी सामने आया कि इजराइल और ईरान दोनों ने सीज़फायर का उल्लंघन किया है.
ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा के बावजूद, दोनों देशों द्वारा इसके उल्लंघन की खबरें सामने आई हैं. ईरान ने युद्धविराम को 'स्थगित' बताया है और कहा है कि 'हम दुश्मन के दिए हुए कोई भी वादों पर भरोसा नहीं करते और हम हमारी उंगलियां जो है जो कहते हैं कि गन के ऊपर आमादा है.' देखें 'दंगल'.
इजरायल के बीरशीबा में ईरानी अटैक से आज मंगलवार को 4 लोगों की मौत हुई है, जबकि सीजफायर लागू हुए अभी कुछ घंटे ही बीते हैं. ट्रंप की ओर से सीजफायर का ऐलान भी कतर में अमेरिकी सैन्य बेस पर ईरान के हमले के बाद हुआ था. कुल मिलाकर 12 दिनों के ईरान-इजरायल युद्ध को रोकने का अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा आज दुनिया की सबसे बड़ी खबर है.
ये संघर्षविराम सभी पक्षों के लिए उपयोगी है. इज़रायल को इसलिए राहत मिली क्योंकि उसे भी अब नागरिक हताहत होने लगे थे और एक छोटा देश, चाहे जितना भी ताकतवर हो, लंबे युद्ध की आर्थिक कीमत नहीं उठा सकता लेकिन यह शांति कांच की तरह नाजुक है. इसका अस्तित्व इस बात पर टिका है कि ईरान और इज़रायल कितना संयम दिखाते हैं.
IDF के चीफ ने कहा है कि सीजफायर के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जा रहा है और इसका जवाब दिया जाएगा. ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा के बावजूद हमले जारी रहे, जिससे स्थिति पर भ्रम बना हुआ है. मिली जानाकारी के मुताबिक सीजफायर के बावजूद इजरायल में हमला हुआ है, जिसमें करीब 9 लोगों की मौत हुई है.
ईरान ने इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया, जिससे रिहायशी इलाकों में भारी तबाही हुई और कई लोगों की जान गई. ईरान ने सीजफायर उल्लंघन से इनकार किया है. ईरान के राजदूत ने कहा कि नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भरोसेमंद नहीं हैं. देखें न्यूजरूम.
सीजफायर के बाद ईरान की ओर से दागी गई मिसाइल इजरायल के बेर्शेबा में एक बिल्डिंग पर गिरी. इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई है और 20 अन्य लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से दो की हालत सामान्य बताई जा रही है. इसके बाद होम फ्रंट कमांड ने अलर्ट जारी कर लोगों से कहा कि अभी खतरा टला नहीं है. उन्होंने लोगों से बेवजह घरों से न निकलने की भी अपील की है.
Israel-Iran के बीच Ceasefire हुआ भी है या नहीं? ईरान के ताजा मिसाइल अटैक में 6 इजरायलियों की मौत
Iran-Israel Ceasefire Impact: ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर की खबर से जहां एक ओर शेयर मार्केट में जोरदार तेजी देखने को मिली है, तो वहीं दूसरी ओर डिफेंस सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट आई है.
Iran Israel ceasefire: अमेरिका ने एक बार फिर वो युद्ध रुकवा दिया है जो संभवत: उसी के कहने पर शुरू हुआ था. इसी के साथ दुनिया ने राहत की सांस ली है. ईरान और इजरायल ने अब शांति का रास्ता अपनाने का वादा किया है. लेकिन एक मूल सवाल अभी भी बरकरार है. वो यह कि ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई की सत्ता क्या होगा? क्या ईरान में सत्ता परिवर्तन के लिए पटकथा लिखी जा रही है?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री इशाक डार के खुलासे के बाद अब दुनिया को मान लेना चाहिए कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड डील के चलते नहीं हुई थी.
सीजफायर का लेकर ट्रंप की बयानबाजी अब भी जारी है. उन्होंने इजरायल और ईरान तनाव के बीच भी इस बयान को दोहराया था. उनका दावा है कि कारोबार का दबाव डालकर उन्होंने भारत और पाकिस्तान को सीजफायर के लिए राजी किया था. ऐसे में G-7 जैसे वैश्विक मंच पर पीएम मोदी दुनिया के सामने सीजफायर को लेकर भारत का पक्ष रख सकते हैं.
जहां बीजेपी ने राहुल गांधी पर पाकिस्तान का एजेंट जैसे अतिशयोक्तिपूर्ण आरोप लगाए, वहीं थरूर ने तथ्यपरक और कूटनीतिक जवाब देकर राहुल के बयान की कमजोरी को उजागर किया. बीजेपी के हमले वोट बटोरने वाले थे, लेकिन थरूर की प्रतिक्रिया ने बिना व्यक्तिगत हमले किए राहुल के तर्क को कमजोर कर दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सरकार से सवाल किया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को गुमराह कर रही है. उन्होंने सीडीएस जनरल अनिल चौहान के इंटरव्यू, डोनाल्ड ट्रंप के बयानों और भारत-पाकिस्तान के मुद्दों का संदर्भ देते हुए पूछा कि सीजफायर की शर्तें क्या थीं.
भारत ने लगातार तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के किसी भी दावे को खारिज किया है तथा इस बात पर बल दिया है कि यह समझौता नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच सीधे संवाद का परिणाम है, इसका अमेरिका के साथ ट्रेड डील के लिए चल रही वार्ता से कोई संबंध नहीं है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए उस पर पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्ष से निपटने में साहस और रणनीति की कमी का आरोप लगाया है
ट्रंप की नीतियां और बयान अक्सर विरोधाभासी प्रतीत होते हैं, जिसके चलते लोगों को उन्हें समझना मुश्किल हो गया है. ट्रंप का व्यवहार, जैसे मध्य पूर्व में डील-मेकिंग (जैसे, इजरायल-हमास युद्धविराम की मध्यस्थता) से लेकर व्यापार युद्ध (चीन पर टैरिफ), उनके फैसलों को अनिश्चित बनाता है. भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को टैरिफ कूटनीति से जोड़कर तो उन्होंने हद ही कर दी है.
अमेरिका-सऊदी निवेश फोरम को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को टालने के लिए सीजफायर करवाने में मदद की, जिससे लाखों लोगों की जान बच सकी.