मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार शशि थरूर को 6,825 वोट से मात दी. खड़गे को 7897 वोट मिले. वहीं, शशि थरूर के खाते में 1072 वोट आए. शशि थरूर ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई दी. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि मेरा मानना है कि हमारी पार्टी का पुनरुद्धार वास्तव में आज शुरू हो गया है.
इससे पहले शशि थरूर के पोलिंग एजेंट सलमान सोज ने चुनाव के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया. उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री से लिखित शिकायत भी की. सलमान सोज ने तीन राज्यों पंजाब, यूपी, तेलंगाना में चुनाव में धांधली के आरोप लगाए.
24 सालों बाद गैर गांधी अध्यक्ष
कांग्रेस के राष्ट्रीय दफ्तर में बुधवार को वोटों की गिनती हुई. मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव जीत गए. इसी के साथ कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला. इससे पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रहे थे. कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए 6वीं बार चुनाव हुए.
कौन हैं मल्लिकार्जुन खड़गे?
मल्लिकार्जुन खड़गे दलित नेता हैं. वे कर्नाटक के रहने वाले हैं. वे कर्नाटक के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. खड़गे 8 बार विधायक, दो बार लोकसभा सांसद एक बार राज्यसभा सांसद रहे हैं. वे सिर्फ 2019 में लोकसभा चुनाव हारे. वे यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.
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कब कब हुए चुनाव?
- 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार मिली थी, जिसके बाद देव कांत बरूआ ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे दे दिया था. इसके बाद के ब्रह्मानंद रेड्डी ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में सिद्धार्थ शंकर रे और करण सिंह को हराया.
- 20 साल बाद 1997 में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ. इस चुनाव में सीताराम केसरी ने शरद पवार और राजेश पायलट के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की. महाराष्ट्र और यूपी के कुछ हिस्सों को छोड़कर सभी राज्य कांग्रेस इकाइयों ने केसरी का समर्थन किया था. उन्हें 6,224 वोट मिले जबकि पवार को 882 और पायलट को महज 354 वोट मिले थे.
- 2000 में जब चुनाव हुआ तब पहला मौका था किसी ने गांधी परिवार के किसी सदस्य को चुनौती दी थी. इस चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद ने दावा ठोका था. इस चुनाव में प्रसाद को करारी हार मिली थी. सोनिया को 7,400 से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि प्रसाद के खाते में 94 वोट पड़े थे.
- सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सबसे लंबे समय तक काबिज रहने वाली एकमात्र नेता हैं. वह 1998 से इस पद पर हैं. हालांकि 2017 और 2019 में राहुल गांधी ने इस पद को संभाला था.
- आजादी के बाद से 40 साल नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ही पार्टी के शीर्ष पर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने वाले परिवार के पांच सदस्यों में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं.