चीन के पैर पसारते इरादे पूरी दुनिया के लिए ही खतरनाक हैं. अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में PLA सैनिकों की कायराना हरकत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि चीन की नेवी को भी भारतीय नौसेना से मुंह की खानी पड़ी है. जानकारी के मुताबिक चीन का जासूसी जहाज यांग वांग-5 कुछ दिन पहले हिंद महासागर क्षेत्र में आया था. अब चीनी पोत को भारतीय सीमा क्षेत्र से बाहर निकाल दिया गया है.
भारतीय नौसेना के सूत्रों ने बताया कि इस पोत की लंबे समय से निगरानी की जा रही थी. इसके लिए लंबी दूरी के निगरानी वाले ड्रोन और समुद्री गश्ती विमान इस्तेमाल किए जा रहे थे.
क्या है यांग वांग-5?
यांग वांग 5, यांग सीरीज की तीसरी पीढ़ी का वैज्ञानिक रिसर्च जहाज है. चीन इस जहाज को 29 सितंबर, 2007 से इस्तेमाल कर रहा है. कुछ मीडिया सूत्रों की मानें तो बीते 6 दिसंबर को चीन का यह जासूसी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हुआ था. तब से भारतीय नौसेना लगातार बैलिस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट निगरानी में सक्षम चीनी जहाज की आवाजाही पर नजर रखे हुए थे.
पहले भी विवाद की वजह बन चुका है ये जहाज
इससे पहले अगस्त महीने में भी श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर इस जहाज के डॉकिंग ने भारत और श्रीलंका के बीच एक राजनयिक विवाद पैदा कर दिया था. भारत द्वारा आपत्ति के बाद चीनी शोध जहाज 6 दिनों की विवादास्पद यात्रा के बाद 22 अगस्त को श्रीलंकाई जलक्षेत्र से रवाना हो गया था.
हाल ही में तवांग में हुई झड़प
बताते चलें कि 9 दिसंबर को ही अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों की झड़प हुई थी. इस झड़प में भारत और चीन दोनों ही देशों के सैनिक घायल हुए थे.
हर तरह की परिस्थितियों से निपटने को तैनात हैं भारतीय सेनाएं
बताते चलें कि तवांग झड़प के बाद एलएसी समेत अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारतीय वायुसेना और आर्मी अलर्ट पर हैं. दोनों की ओर से लगातार कड़ी निगरानी की जा रही है. भारतीय एयरफोर्स की ओर से हर इलाके की पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया गया है. इसका मतलब साफ है कि किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है.