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5 साल याद नहीं आती और चुनाव से 15 दिन पहले घोषणाएं करते हैं, ये नहीं चलेगा: CEC राजीव कुमार

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पार्टियों और प्रत्याशीयों को सख़्त तरीके से आगाह कर दिया है. आदर्श आचार संहिता लागू  होने के बाद किसी भी तरीके की घोषणा करना वर्जित है. मतदाताओं को प्रलोभन देना, मतदाताओं को धमकाना और भयभीत करना ये सब आदर्श आचार संहिता का हिस्सा है.

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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार.

चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में होने वाले चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है. आज से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पार्टियों और प्रत्याशीयों को सख़्त तरीके से आगाह कर दिया है. आदर्श आचार संहिता लागू  होने के बाद किसी भी तरीके की घोषणा करना वर्जित है. मतदाताओं को प्रलोभन देना, मतदाताओं को धमकाना और भयभीत करना ये सब आदर्श आचार संहिता का हिस्सा है. कोई भी पार्टी या प्रत्याशी किसी भी प्रकार की स्कीम की घोषणा नहीं कर सकता है. 

इन सभी मामलों पर रोक लगाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कड़ा रुख लेते अपनाते  हुएकहा, "पांच साल याद नहीं आती और चुनाव से 1 महीने या 15 दिन पहले घोषणाओं की याद आती है. अगर ऐसा किसी ने भी किया तो उसके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी."

निर्वाचन आयोग की भूमिका:- 
आदर्श आचार संहिता को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन अनुसूची की घोषणा की तारीख से लागू किया जाता है और यह निर्वाचन प्रक्रिया के पूर्ण होने तक प्रवृत्त रहती है. भारत निर्वाचन आयोग, भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 के अधीन संसद और राज्‍य विधान मंडलों के लिए स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचनों के आयोजन के लिए अपने सांविधिक कर्तव्‍यों के निर्वहन में केन्‍द्र तथा राज्‍यों में सत्तारूढ़ दल (दलों) और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित करता है. यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि निर्वाचन के प्रयोजनार्थ अधिकारी तंत्र का दुरूपयोग न हो.

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पिछले कुछ समय से पार्टियां और प्रत्याशी दोनों सोशल मीडिया पर प्रचार करने लगे हैं. सोशल मीडिया की मदद से प्रचार करना लगभग 50% बढ़ गया है और यही कारण है कि आयोग ने भी सकती बड़ा दी है. सोशल मीडिया के लिए अब नए रूल्स बनाए गए हैं और जब भी कोई सोशल मीडिया पर प्रचार गलत तरीके से करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि टीम का गठन किया गया है. जो ख़ासतौर पर सोशल मीडिया पर नज़र रखेगी.  

5 राज्यों में चुनाव:- 

मिजोरम - 7 नवंबर
छत्तीसगढ़ - 7, 17 नवंबर
मध्यप्रदेश - 17 नवंबर
राजस्थान - 23 नवंबर
तेलंगाना - 30 नवंबर

मतगणना- 3 दिसंबर

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया, "मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मध्य प्रदेश की विधानसभा सीटों को मिलाया जाए तो कुल सीटें 679 होंगी." उन्होंने आगे कहा कि इस समय मिजोरम में 8.52 लाख, छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़, मध्य प्रदेश में 5.6 करोड़, राजस्थान में 5.2 करोड़ और तेलंगाना में 3.17 करोड़ मतदाता हैं. इन सभी को मिलाया जाए तो कुल 8.2 करोड़ पुरुष और 7.8 करोड़ महिला मतदाता हैं.चुनाव आयोग ने आंकड़ों से सिद्ध किया कि पिछले चुनाव (2018) के मुकाबले इस बार (2023) में महिला मतदाता हर राज्य में ज़्यादा हैं.  

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