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'हिंदू विरोधी रुख...', कर्नाटक में छात्र का जनेऊ उतारवाने के मामले में BJP का कांग्रेस पर निशाना

बीजेपी प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने कहा कि यह घटना कांग्रेस के लंबे समय से चले आ रहे 'हिंदू विरोधी रुख' को उजागर करती है, जिससे पता चलता है कि पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं.

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बीजेपी ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में परीक्षा देने आए कुछ छात्रों से उनके जनेऊ उतारने के लिए कहा जाना कांग्रेस की अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति का सबूत है. बीजेपी प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने कहा कि यह घटना कांग्रेस के लंबे समय से चले आ रहे 'हिंदू विरोधी रुख' को उजागर करती है, जिससे पता चलता है कि पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह घटना देश में हिंदुओं के खिलाफ काम करने वाले एक पारिस्थितिकी तंत्र को उजागर करती है. यह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पुलिस के हिंदू विरोधी रुख को उजागर करती है."

कंठ ने आरोप लगाया कि हिंदुओं पर हमले केवल कर्नाटक तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे अन्य भारतीय ब्लॉक दलों द्वारा शासित राज्यों में भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगी वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण के लिए हिंदू विरोधी माहौल को बढ़ावा दे रहे हैं."

क्या है पूरा मामला

दरअसल, 16 अप्रैल को आदिचुंचनगिरी इंडिपेंडेंट पीयू कॉलेज में हुई इस घटना के बाद शहर के ब्राह्मण समुदाय के सदस्यों और पुलिस के बीच बहस हो गई. इसके बाद समुदाय के लोगों ने संबंधित सुरक्षा गार्ड के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

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ब्राह्मण समुदाय ने भी शिवमोग्गा डीसी से शिकायत की और लिखा, 'ये बहुत निंदनीय है कि केंद्र के अधिकारियों द्वारा ऐसा अपमानजनक काम किया गया, जहां छात्रों ने गायत्री मंत्र दीक्षा ली थी, जो आत्म-जागरूकता के लिए एक आध्यात्मिक व्रत है, उन्हें अपने पवित्र धागे को उतारने के लिए मजबूर किया गया.'

वहीं, बीदर के साईं स्फूर्ति कॉलेज परीक्षा केंद्र से रिपोर्ट की गई दूसरी घटना में चौबारा निवासी सुचिव्रत कुलकर्णी नामक एक छात्र को गणित की CET परीक्षा में प्रवेश देने से कथित तौर पर मना कर दिया गया, क्योंकि उसने जनेऊ पहना हुआ था. 

छात्र के परिवार और समुदाय के सदस्यों की शिकायतों के अनुसार, परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने कुलकर्णी को अयोग्य ठहराए जाने के आधार पर उसकी पोशाक का हवाला देते हुए पेपर लिखने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. 

सुरक्षाकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ

छात्रों से जनेऊ उतारने के मामले में विवाद के बाद परीक्षा केंद्र में तैनात सुरक्षा कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस ने बताया कि ये मामला नटराज भागवत नामक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है. आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 3(5) के साथ धारा 115(2), 299, 351(1) और 352 के तहत FIR दर्ज की गई है.  अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में छात्रों को धार्मिक प्रतीकों को हटाने का निर्देश दिया गया था.

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