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LIVE: BIMSTEC सम्मेलन में बोले पीएम मोदी- समय की मांग, एकजुटता जरूरी

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BIMSTEC सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं. आतंकवाद, सुरक्षा और उग्रवाद जैसे मुद्दों पर पीएम बात कर रहे हैं. ये सम्मेलन वर्चुअल अंदाज में आयोजित हो रहा है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीटीआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आतंकवाद-उग्रवाद पर चर्चा कर रहे मोदी
  • सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है श्रीलंका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज BIMSTEC सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं. सात देशों का ये समूह एक बार फिर कई अहम मुद्दों पर चर्चा कर रहा है. वर्चुअल अंदाज में इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया है और श्रीलंका इस बार इसकी मेजबानी कर रहा है.

BIMSTEC में पीएम मोदी का संबोधन

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने सुरक्षा के मुद्दे पर बात की है. उन्होंने सभी को एकजुट रहने का मंत्र भी दिया है. उन्होंने कहा कि यूरोप में अभी जैसी घटनाएं हुई हैं, उसे देखते हुए क्षेत्रीय सहयोग काफी ज्यादा मायने रखता है. इसी वजह से अब हमने BIMSTEC charter को भी अपना लिया है. संबोध के दौरान पीएम मोदी की तरफ से एक बड़ा ऐलान भी किया गया. उन्होंने बताया कि भारत की तरफ से ऑपरेशनल बजट को बढ़ाने के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे.

मोदी ने कहा कि आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिपेक्ष से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है. हमारी अर्थव्यवस्थाएं, हमारे लोग, अभी भी Covid-19 pandemic के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं. पिछले कुछ सप्ताहों के यूरोप के developments से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है.

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क्या है ये BIMSTEC?

जानकारी के लिए बता दें कि इस बार BIMSTEC सम्मेलन की थीम एक क्षमतावान क्षेत्र, समृद्ध अर्थव्यवस्था और स्वस्थ लोग रखी गई है. इस बार का ये सम्मेलन इसलिए भी ज्यादा खास माना जा रहा है क्योंकि इसको बने 25 साल पूरे हो गए हैं.

BIMSTEC की बात करें तो ये बंगाल की खाड़ी के देशों पर केंद्रित एक क्षेत्रीय सहयोग का मंच है. सबसे पहले साल 1997 में भारत की मदद से बिस्ट-ईसी समूह की स्थापना की गई थी. तब इस समूह में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और थाईलैंड को शामिल किया गया था. बाद में इसी समूह को और विस्तृत करते हुए नेपाल, म्यांमार और भूटान को भी शामिल कर लिया गया और इसका नाम BIMSTEC पड़ गया.

भारत की कितनी सक्रियता?

इस समूह में भी भारत की सक्रियता और अहमियत सबसे ज्यादा मानी जाती है. अभी BIMSTEC में शामिल हो रहे नेता मानते हैं कि इस समूह ने अपनी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं किया है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि भारत इस समूह को नई दिशा दे सकता है. भारत की ‘Act East' और ‘Neighbourhood First’ जैसी पहलों ने भी इस धारणा को मजबूती दी है.

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