scorecardresearch
 

बाटला हाउस एनकाउंटर: दिल्ली HC पहुंचा दोषी आतंकी आरिज, फांसी की सजा को दी चुनौती

बाटला हाउस एनकाउंटर में दोषी इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आरिज ने दिल्ली की साकेत कोर्ट से मिली फांसी की सजा को चुनौती दी है. इसी साल 8 मार्च को साकेत कोर्ट ने बाटला हाउस एनकाउंटर को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई थी. 

Advertisement
X
फरवरी 2018 में गिरफ्तार हुआ था आरिज (फाइल फोटो)
फरवरी 2018 में गिरफ्तार हुआ था आरिज (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आरिज खान को साकेत कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
  • 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर में आरिज फरार हो गया था

बाटला हाउस एनकाउंटर में दोषी इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आरिज ने दिल्ली की साकेत कोर्ट से मिली फांसी की सजा को चुनौती दी है. इसी साल 8 मार्च को साकेत कोर्ट ने बाटला हाउस एनकाउंटर को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई थी. 

इसके अलावा कोर्ट ने आतंकी आरिज खान पर 11 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. इसमें से 10 लाख रुपए शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के परिवार को दिए जाने का आदेश दिया. वहीं, इस मामले में एक और दोषी शहजाद अहमद को 2013 में सजा सुनाई गई थी. जबकि 2 साथी आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद उसी मुठभेड़ में मारे गए थे. 

नेपाल भाग गया था आतंकी आरिज

दिल्ली में 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद आरिज भाग गया था. दस साल बाद साल 2018 में उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया था. इस एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. जबकि पुलिसकर्मी बलवंत सिंह-राजवीर को भी जान से मारने की कोशिश की गई थी. 

कौन है आरिज खान?

इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान का नाम 2008 में दिल्ली -जयपुर- अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों में भी मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल था. इन सभी धमाकों में कुल 165 लोगों की जान गई थी, जबकि 535 लोग घायल हुए थे. 

Advertisement

धमाकों के बाद तब आरिज पर 15 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था. इसके खिलाफ इंटरपोल ने  रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था. आजमगढ़ के रहने आरिज खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया. 

क्या है बाटला हाउस एनकाउंटर

बाटला हाउस एनकाउंटर 19 सितंबर 2008 की सुबह हुआ था. तब स्पेशल सेल को एक सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के कुछ आतंकी बाटला हाउस इलाके के एक मकान में छिपे हुए हैं. इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा समेत कई पुलिस अधिकारी उस वक्त मौके पर पहुंचे और आतंकियों को घेरने का प्लान बनाया. तब आतंकियों के साथ बाटला हाउस के मकान नंबर L-18 में मुठभेड़ हुई, दो आतंकी मारे गए. जबकि इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. तब से अबतक ये मामला अदालत में चल रहा था.

 

Advertisement
Advertisement