सोशल मीडिया पर तैरने वाले एआई से बने डीपफेक और फेक न्यूज का मुद्दा बुधवार को संसद के पटल पर रखा गया. इस पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा को बताया कि सोशल मीडिया और फेक न्यूज को लेकर उठाया गया मुद्दा बेहद गंभीर है. उन्होंने कहा कि फेक न्यूज भारत की लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रही है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, गलत जानकारी और एआई से तैयार डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है.
अश्विनी वैष्णव ने ये भी कहा कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल के तरीके से कुछ ऐसे इकोसिस्टम बन गए हैं जो भारत के संविधान का पालन करने या संसद द्वारा बनाए गए कानूनों का अनुपालन करने के इच्छुक नहीं दिखते. इस पर उन्होंने कड़ी कार्रवाई करने और अधिक मजबूत नियम बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया.
36 घंटे के अंदर कंटेंट हटाने की व्यवस्था
संसद में एक सवाल के जवाब में वैष्णव ने बताया कि हाल ही में नए नियम लागू किए गए हैं, जिनमें 36 घंटे के अंदर कंटेंट हटाने की व्यवस्था भी शामिल है. एआई से बने डीपफेक की पहचान कर उन पर जरूरी कार्रवाई के लिए एक ड्राफ्ट नियम भी जारी किया गया है. इस पर फिलहाल विचार-विमर्श चल रहा है. मंत्री ने संसदीय समिति के काम की सराहना की और निशिकांत दुबे समेत सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने कानूनी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए अहम सिफारिशों वाली विस्तृत रिपोर्ट पेश की.
सोशल मीडिया ने दिया बड़ा मंच
उन्होंने कहा कि फेक न्यूज और सोशल मीडिया से जुड़े मुद्दों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा के बीच नाजुक संतुलन बनाना पड़ता है. सरकार इस संतुलन को पूरी संवेदनशीलता के साथ बनाए रखते हुए काम कर रही है. उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया पहल ने बड़ा बदलाव लाया है और तकनीक को लोकतांत्रिक बनाया है, जिसके सकारात्मक प्रभावों को स्वीकार करना चाहिए. सोशल मीडिया ने हर नागरिक को एक मंच दिया है. इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार संस्थाओं को मजबूत बनाने और समाज की नींव बनने वाले विश्वास को कायम रखने की दिशा में काम कर रही है.