एअर इंडिया विमान हादसे ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. 265 लोगों की दर्दनाक मौत हुई. एयर इंडिया का विमान ऐसा ब्लास्ट हुआ कि शवों को पहचानना मुश्किल है. इन सबके बीच सवाल ये कि आखिर प्लेन हादसा हुआ कैसे. आखिर कैसे दुनिया के सबसे सुरक्षित पैसेंजर विमानों में एक इस तरह जमीन पर आ गया. भारत का एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो यानी AAIB की टीम जांच कर रही है. वहीं अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड यानी NTSB जांच में सहयोग कर रहा है. ब्रिटेन का एयर एक्सिडेंट्स इनवेस्टिगेशन ब्रांच की भी मदद ली जा रही है. जिसके बाद साफ होगा कि आखिर हादसे की वजह क्या है.
बता दें कि अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे के 28 घंटे के भीतर एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है. यह जानकारी नागर विमानन मंत्रालय (MoCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAI-B) ने साझा की है. ब्लैक बॉक्स को दुर्घटनास्थल की एक इमारत की छत से बरामद किया गया है, जहां हादसे के समय विमान टकराया था.
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने X पर एक पोस्ट में कहा कि अहमदाबाद विमान हादसे के 28 घंटे के भीतर विमान का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) बरामद कर लिया गया है. यह विमान हादसे की जांच में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने ब्लैक बॉक्स को घटनास्थल से बरामद किया. ब्लैक बॉक्स में मौजूद तकनीकी जानकारी और उड़ान से जुड़े डेटा की मदद से हादसे के कारणों की गहराई से जांच की जाएगी.
The Flight Data Recorder (Black Box) has been recovered within 28 hours from the accident site in Ahmedabad by AAIB. This marks an important step forward in the investigation. This will significantly aid the enquiry into the incident.
— Ram Mohan Naidu Kinjarapu (@RamMNK) June 13, 2025
गलत रिपोर्टों पर MoCA सफाई
MoCA ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो ब्लैक बॉक्स का नहीं है. मंत्रालय ने कहा कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वह DFDR (डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) नहीं है. असली ब्लैक बॉक्स को मौके की एक इमारत की छत से बरामद किया गया है.
टीमों ने युद्धस्तर पर किया काम
AAIB की टीम ने हादसे के तुरंत बाद जांच कार्य शुरू कर दिया था. राज्य सरकार की ओर से 40 से अधिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच दल की सहायता की. इससे रेस्क्यू और साक्ष्य संकलन में काफी तेजी आई.
ब्लैक बॉक्स का महत्व: एक्सपर्ट की राय
एविएशन एक्सपर्ट सुभाष गोयल ने बताया कि ब्लैक बॉक्स को विशेष तकनीक से बनाया जाता है ताकि वह न तो जल सके और न ही पानी में खराब हो. इसमें कॉकपिट के अंदर की सभी बातचीत रिकॉर्ड होती है. हादसे से पहले पायलट और को-पायलट के बीच क्या संवाद हुआ था, यह जानना जांच के लिए बेहद अहम होता है.
ब्लैक बॉक्स अहम क्यों?
ब्लैक बॉक्स में दो मुख्य उपकरण होते हैं- CVR (Cockpit Voice Recorder) और FDR (Flight Data Recorder), जो विमान के उड़ान के तकनीकी विवरण और अंतिम पलों की बातचीत को रिकॉर्ड करते हैं. अब इन आंकड़ों के विश्लेषण से हादसे की असली वजह स्पष्ट हो सकेगी.
क्या करते हैं FDR और CVR?
FDR का मतलब है फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर. ये फ्लाइट से जुड़े डेटा को रिकॉर्ड करता है. इस डेटा में फ्लाइट की ऊंचाई, स्पीड, इंजन की परफॉर्मेंस और कंट्रोल इनपुट आदि शामिल है. ये प्लेन की सभी गतिविधियों का डेटा रखता है, जिससे बाद में जांचकर्ताओं को यह समझने में मदद मिलती है कि विमान कैसे उड़ रहा था और दुर्घटना क्यों हुई होगी.
क्या बोले टाटा संस के चेयरमैन?
प्लेन हादसे को लेकर टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा कि कल जो हुआ वह समझ से परे है, हम सदमे और शोक में हैं. हम जानते हैं कि एक व्यक्ति को भी खोना त्रासदी है, लेकिन एक साथ इतनी सारी मौतें होना समझ से परे है. यह टाटा समूह के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है. अभी शब्दों से सांत्वना नहीं मिल सकती, लेकिन मेरी संवेदनाएं दुर्घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों के साथ हैं. उन्होंने लिखा कि हम उनके लिए यहां हैं. आप जानते हैं कि पिछले 24 घंटों में भारत, UK और US से जांच दल दुर्घटना की जांच करने के लिए अहमदाबाद पहुंच चुके हैं. उन्हें हमारा पूरा सहयोग है. हम हादसे के कारणों को पूरी तरह से पारदर्शी रखेंगे. शुरुआती तौर पर कुछ एक्सपर्ट दोनों इंजन फेल होने की संभावना जता रहे हैं.