हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने देश के विभाजन को लेकर कहा कि भारत का बंटवारा नहीं होना चाहिए था. ओवैसी ने इसे ऐतिहासिक गलती बताया. AIMIM चीफ ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से यह देश था और दुर्भाग्य से विभाजित हो गया, जो नहीं होना चाहिए था.
ओवैसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि भारत और पाकिस्तान हिंदू महासभा की मांग पर बने थे, न कि मोहम्मद अली जिन्ना के कारण.
देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था: ओवैसी
हैदराबाद सांसद ने कहा, "ऐतिहासिक रूप से यह एक देश था और दुर्भाग्य से विभाजित हो गया. ऐसा नहीं होना चाहिए था. मैं तो बस यहीं कह सकता हूं, लेकिन अगर आप चाहें तो इस पर एक डिबेट करा लें. मैं आपको बताऊंगा कि इस देश के विभाजन के लिए कौन असली जिम्मेदार है. मैं उस समय की गई ऐतिहासिक गलती पर सिर्फ एक लाइन में जवाब नहीं दे सकता."
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मौलाना कलाम की किताब पढ़ने का दिया सुझाव
AIMIM नेता ने देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की किताब ‘इंडिया विंस फ़्रीडम’ पढ़ने का भी सुझाव दिया और बताया कि कैसे वह कांग्रेस नेताओं के पास गए और उनसे विभाजन के इस बंटवारे के प्रस्ताव को स्वीकार न करने की अपील की थी.
मौलाना ने कांग्रेस नेताओं से की थी अपील: ओवैसी
ओवैसी ने कहा, "इस देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था. बंटवारा गलत था. उस समय वहां जितने भी नेता थे, वे सभी इसके लिए जिम्मेदार थे. अगर आप मौलाना अबुल कलाम आजाद की किताब ‘इंडिया विंस फ्रीडम’ पढ़ते हैं, तो मौलाना आजाद ने सभी कांग्रेस नेताओं से अनुरोध किया था कि देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए."