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एअर इंडिया क्रैश में पायलट की गलती या बोइंग को बचाने की लीपापोती... क्या मुद्दे से भटकाने की कोशिश में जुटा विदेशी मीडिया?

तमाम विदेशी मीडिया इसी तरह की हेडलाइन प्ले कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि वो जानबूझकर एअर इंडिया क्रैश की इस शुरुआती जांच रिपोर्ट को कुछ अलग रंग देना चाहते हैं. Washington Post ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "एअर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले अप्रत्याशित तौर पर ईंधन काटा गया."

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एअर इंडिया प्लेन क्रैश रिपोर्ट में हादसे की कोई वजह नहीं बताई गई (Photo: PTI)
एअर इंडिया प्लेन क्रैश रिपोर्ट में हादसे की कोई वजह नहीं बताई गई (Photo: PTI)

अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए एअर इंडिया क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट आ चुकी है. ये सिर्फ 15 पन्नों की एक Preliminary Report है, जिसमें 12 जून को हुए एअर इंडिया के प्लेन हादसे की शुरुआती जांच की जानकारी दी गई है. ये कोई डिटेल्ड रिपोर्ट नहीं है, इसमें प्लेन की जानकारी, उसके क्रू और पायलट की जानकारी, पैसेंजर्स की जानकारी दी गई है. उस वक्त मौसम कैसा था, स्थिति क्या थी, हादसे से पहले क्या हुआ, प्लेन कब उड़ा, कब क्रैश हुआ, कहां क्रैश हुआ... इस तरह की सभी जानकारियां दी गई हैं.

इस रिपोर्ट में कहीं भी ये नहीं लिखा है कि प्लेन क्रैश की वजह क्या है, सिर्फ घटनाक्रम की जानकारी है लेकिन सिर्फ 15 पन्नों की इस रिपोर्ट के आधार पर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि जैसे सारी गलती पायलट्स की रही हो. सीधे तौर पर ये बोइंग और इंजन बनाने वाली कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक को बचाने की कोशिश दिख रही है और इसमें विदेशी मीडिया एक बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है.

विदेशी मीडिया ने क्या लिखा?

ब्रिटिश अखबार Daily Mail ने लिखा, 'क्या 'अवसादग्रस्त' एअर इंडिया पायलट ने जानबूझकर प्लेन क्रैश किया, जिसमें 260 लोग मारे गए, क्योंकि उनकी मां की मौत हुई थी? इस रिपोर्ट में कैप्टन सुमित सबरवाल के कुछ दोस्तों से बात की गई है और उसके आधार पर लिखा है कि उनकी माता जी का देहांत हुआ था, जिसकी वजह से शोकग्रस्त थे और कुछ दिन पहले उन्होंने मेडिकल लीव भी ली थीं.

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ब्रिटेन के अखबार The Telegram ने लिखा कि मेंटल हेल्थ के दावों के बाद एअर इंडिया के पायलट के रिकॉर्ड्स की जांच की गई. ये अखबार क्या कहना चाहते हैं? ये कितनी बड़ी बात की तरफ इशारा कर रहे हैं. ये इस तरह के फर्जी दावे क्यों कर रहे हैं, जिनका कोई आधार नहीं है. 

तमाम विदेशी मीडिया इसी तरह की हेडलाइन प्ले कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि वो जानबूझकर एअर इंडिया क्रैश की इस शुरुआती जांच रिपोर्ट को कुछ अलग रंग देना चाहते हैं. Washington Post ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "एअर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले अप्रत्याशित तौर पर ईंधन काटा गया." ये ऐसे लिख रहे हैं कि जैसे जानबूझकर प्लेन का ईंधन काट दिया गया हो.

बीबीसी ने इस केस से जुड़ी हुईं बहुत सी रिपोर्ट्स पब्लिश की हैं और हर न्यूज़ रिपोर्ट में ऐसे ही सवाल उठाए हैं. रिपोर्ट में लिखा गया है कि कॉकपिट ऑडियो ने एअर इंडिया क्रैश की गुत्थी को और क्यों उलझाया? पूरा का पूरा विदेशी मीडिया ऐसे रिपोर्ट कर रहा है कि जैसे ये फाइनल रिपोर्ट आ चुकी हो.

पूरी तरह से ये कोशिश हो रही है कि सारी की सारी गलती उन पायलट्स पर मढ़ी जाए, जो अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए इस दुनिया में मौजूद भी नहीं है. ऐसे आरोप लग रहे हैं कि ये पूरी कोशिश प्लेन बनाने वाली कंपनी बोइंग और इंजन बनाने वाली कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक को बचाने के लिए हो रहा है.

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यह भी पढ़ें: 'ना मेंटेनेंस इश्यू, ना एयरक्राफ्ट-इंजन में प्रॉब्लम...', प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट पर एअर इंडिया CEO का आया रिएक्शन

शुरुआती रिपोर्ट में क्या सामने आया?

12 जून 2025 को एअर इंडिया का B787-8 एयरक्राफ्ट सुबह 11:17 पर दिल्ली से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचा. रिपोर्ट में लिखा है कि इसी एयरक्राफ्ट को अहमदाबाद से लंदन जाना था. दोनों ही पायलट मुंबई के थे, इसलिए एक दिन पहले ही अहमदाबाद पहुंच गए थे. उन्होंने फ्लाइट से पहले अच्छी तरह से आराम किया था. फ्लाइट AI-171 का क्रू जब एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उनका भी ब्रीद एनालाइज़र टेस्ट किया गया और उन्हें फ्लाइट ऑपरेट करने के लिए फिट पाया गया. क्रू बोर्डिंग गेट पर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर पहुंचा, जो CCTV में भी दिख रहा है. 

रिपोर्ट में लिखा है कि विमान में 54 हजार 200 किलो का फ्यूल था, विमान का वजन 2 लाख 13 हजार 401 किलो था, जो लिमिट में था. विमान में कोई भी खतरनाक सामान भी मौजूद नहीं था. रिपोर्ट में लिखा है कि विमान ने 180 नॉट्स की स्पीड अचीव की और तुरंत इंजन 1 और इंजन 2 का फ्यूल कटऑफ स्विच सिर्फ 1 सेकेंड के गैप में RUN से CUTOFF पोजिशन पर आ गए, जिसकी वजह से इंजन की फ्यूल सप्लाई रुक गई. 

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कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में दोनों में से कोई एक पायलट ये कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि तुमने स्विच क्यों बंद किया, दूसरे पायलट न जवाब दिया कि मैंने ऐसा नहीं किया है. और इसके बाद जब प्लेन नीचे जाने लगा तो पायलट की तरफ से MAYDAY MAYDAY MAYDAY का कॉल दिया गया. रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि फ्लाइट पाथ के आस-पास कोई भी बर्ड एक्टिविटी भी देखने को नहीं मिली है.

इसी रिपोर्ट के आधार पर पायलट्स पर आरोप लगाये जा रहे हैं और विदेशी मीडिया अपना एजेंडा चला रहा है. या फिर यूं कहें कि विदेशी मीडिया को अपना एजेंडा चलाने का मौका मिल रहा है, जिनकी रिपोर्ट देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे वो एयरक्राफ्ट और इंजन बनाने वाली कंपनियों के पे-रोल पर काम कर रहे हों. 

शुरुआती जानकारियों के आधार पर बाकी जानकारियां जुटाई जा रही हैं. जांच की इस स्टेज पर, विमान और इंजन निर्माणकर्ताओं और ऑपरेटर्स पर किसी भी कार्रवाई की कोई सिफारिश नहीं है. अभी जांच जारी है और जांच टीम बाकी सबूत, रिकॉर्ड और जानकारी जुटाएगी और उनकी स्टडी करेगी.

इस पूरी रिपोर्ट में फिलहाल कोई भी तकनीकी या डिजाइन की खामी की ओर कोई इशारा नहीं किया गया है. इसीलिए ये पूरी रिपोर्ट सिर्फ इस बात पर टिकी है कि प्लेन के फ्यूल स्विच रन से कटऑफ मोड पर कैसे गए.

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यह भी पढ़ें: एक-एक करके दोनों फ्यूल स्विच बंद... पढ़ें- एअर इंडिया क्रैश पर आई 15 पन्नों की रिपोर्ट की बड़ी बातें

शुरुआती रिपोर्ट आने के बाद एअर इंडिया ने क्या कहा?

पूरी रिपोर्ट पर एअर इंडिया की तरफ से सफाई भी दी गई है. एअर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन ने एअर इंडिया के कुछ Employees को ये मेल भेजा है. रिपोर्ट पर एअर इंडिया के CEO की तरफ से कहा गया है कि इस शुरुआती रिपोर्ट में विमान या उसके इंजन के बारे में कोई भी मैकेनिकल और मेन्टेनेंस के इश्यू नहीं बताये गये हैं. फ्लाइट में उड़ान से पहले सारे मेन्टेनेंस के काम पूरे किये गये थे. फ्लाइट से पहले पायलट्स का मैंडेटरी ब्रीद एनालाइज़र टेस्ट भी किया गया था, जिसमें दोनों पास हुए थे और उनके मेडिकल स्टेटस को लेकर कोई भी ऑब्जर्वेशन नहीं था. 

एयर इंडिया के सीईओ कह रहे हैं कि इस शुरुआती रिपोर्ट में हादसे का कोई कारण नहीं बताया गया है और ना ही किसी तरह की कोई सिफारिश या अनुशंसा की गई है, इसलिए मैं हर किसी से आग्रह करूंगा कि समय से पहले नतीजा नहीं निकालें, क्योंकि जांच पूरी होने में अभी बहुत वक्त है. हम जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करते रहेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें एक पूर्ण और विस्तृत जांच के लिए जो कुछ भी चाहिए, वो उपलब्ध कराएं. जब तक फाइनल रिपोर्ट नहीं आएगी या हादसे का कारण नहीं आएगा, तब तक इसमें कोई शक नहीं है कि कयास लगते रहेंगे और सनसनीखेज़ हेडलाइंस बनती रहेंगी.

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