पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले बड़ी धोखाधड़ी सामने आई है. बड़ी संख्या में जीवित लोगों को मृत बताकर वोटर लिस्ट से उनका हटवा दिया गया. ऐसे लोगों की संख्या एक दो नहीं बल्कि 44 है. मालदा जिले में जीवित लोगों को मरा हुआ बताकर उनका नाम मतदाता सूची से हटा गिया गया.
मामला गोलपगंज ग्राम पंचायत के शाशानी का है जहां जीवित लोगों को मृत बता दिया गया. इससे इलाके में हड़कंप मच गया. वोटर लिस्ट से जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं उन्होंने मालदा के कालियाचक प्रखंड के बीडीओ को लिखित शिकायत दी है.
ऐसे लोगों ने आरोप लगाया है कि साजिश रचकर उनका नाम हटवाया गया है. बीडीओ ने आश्वासन दिया कि किसी भी जीवित व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा. लोगों का आरोप है कि पंचायत चुनाव से पहले वोट चोरी करने के लिए यह कांग्रेस की चाल है.
बता दें कि वैष्णवनगर, मालदार के गोलपगंज ग्राम पंचायत में तृणमूल का कब्जा है. लोगों ने आरोप लगाया कि विपक्ष के पैरों तले जमीन नहीं है, जनता उनके साथ नहीं है, इसलिए ये सब किया जा रहा है.
इस ग्राम पंचायत के शाशानी बूथ संख्या 74, 75 में 44 लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाया गया. इसके पीछे मृत्यु को कारण बताया गया है. हालांकि इन 44 लोगों का कहना है कि वे जीवित हैं और साजिश के तहत नाम हटा दिया गया.
कुद्दुस मियां नाम के एक शिकायतकर्ता ने कहा, मैंने गांव में सुना कि कई लोगों का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है. जब मैं भी उनके पास गया तो पाया कि मेरा और मेरी पत्नी दोनों का ही वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया गया है. मैंने बीडीओ को लिखित शिकायत दी है.
रूपक मियां नाम के एक अन्य शख्स ने कहा, हमने बीडीओ से शिकायत की है, हम जानना चाहते हैं कि किसने हमारा नाम इस तरह वोटर लिस्ट से हटाया है. हम जिंदा हैं लेकिन हमें मरा हुआ बता दिया गया है.
इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. मालदा जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष सरवर जहां ने कहा कि यह तृणमूल की वोट चोरी करने की नई रणनीति है. ऐसे में वे एक बार फिर वोट लूटने की कोशिश कर रहे हैं.
मालदा जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अब्दुर रहीम बख्शी ने कहा कि विपक्ष के पैरों तले जमीन नहीं है और वह इस तरह की टिप्पणियां कर रहा है. नाम वापस लेना या नाम हटाना प्रशासन का काम है. प्रशासन इसे देखेगा, मैं जिलाधिकारी से तत्काल कार्रवाई करने की मांग करूंगा. (इनपुट - मिल्टन पॉल)