मुंबई के पवई स्थित आर ए स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य की अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस की कार्रवाई के दौरान हुई फायरिंग में रोहित को गोली लग गई थी, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
रोहित आर्य मूल रूप से पुणे का रहने वाला था. उसे महाराष्ट्र के तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग के एक स्कूल प्रोजेक्ट का टेंडर मिला था. हालांकि, रोहित का कहना था कि उसे इस प्रोजेक्ट का भुगतान अब तक नहीं किया गया, जिसके चलते वह आर्थिक संकट और मानसिक तनाव में चल रहा था.
रोहित आर्य चेम्बूर की अन्नपूर्णा इमारत की 9वीं मंजिल पर रहता था. दरअसल रोहित के किसी रिश्तेदार का ये रूम है जो पिछले 4 साल से अमेरिका में रहते हैं, आज सुबह करीब 9 बजे रोहित यहां से निकला था. पुलिस जांच के लिए वहां भी पहुंची.
खुद को बताता था अन्याय का शिकार
इसी मुद्दे को लेकर उसने कई बार दीपक केसरकर के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किए थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हाल के महीनों में रोहित सोशल मीडिया पर सरकार और सिस्टम के खिलाफ बयान दे रहा था और खुद को अन्याय का शिकार बताता था.
महाराष्ट्र सरकार से नाराजगी
उसका दावा था कि 'माझी शाळा, सुंदर शाळा' योजना का असली कॉन्सेप्ट उसी ने तैयार किया था. यह विचार उसके द्वारा बनाई गई फिल्म 'लेट्स चेंज' से प्रेरित था, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने 2022 में लागू किया.
रोहित का आरोप था कि सरकार ने उसका आइडिया, स्क्रिप्ट और फिल्म के अधिकार (rights) तक इस्तेमाल किए, लेकिन न तो उसे क्रेडिट दिया गया, न भुगतान किया गया. उसके मुताबिक, 'उन्होंने मुझसे काम करवा लिया और फिर मेरी मौजूदगी तक नकार दी.'
अनशन पर भी बैठा था रोहित
इसको लेकर रोहित ने कई बार शिक्षा विभाग और तत्कालीन मंत्री दीपक केसरकर के खिलाफ प्रदर्शन किए, यहां तक कि एक महीने तक अनशन भी किया. पुरानी रिपोर्ट्स के अनुसार, मंत्री ने आश्वासन दिया था कि उसकी मांगें मानी जाएंगी, लेकिन जॉइंट सेक्रेटरी महाजन ने जांच का हवाला देकर फाइल रोक दी.
अपने पुराने बयान में रोहित ने कहा था- 'अगर मैंने आत्महत्या की, तो दीपक केसरकर, उनके निजी सचिव मंगेश शिंदे, तत्कालीन शिक्षा आयुक्त सूरज मंडरे, तुषार महाजन और समीर सावंत इसके जिम्मेदार होंगे.'
सरकार ने कॉन्सेप्ट इस्तेमाल किए लेकिन पैसे नहीं दिए
रोहित का कहना था कि उसके कॉन्सेप्ट को न सिर्फ सरकार ने अपनाया, बल्कि उस पर ₹2 करोड़ तक का बजट आवंटित हुआ. फिर भी उसे न पहचान मिली, न भुगतान. यह विवाद और उपेक्षा ही शायद उसकी मानसिक स्थिति को उस हद तक ले गई, जहां उसने बच्चों को बंधक बनाकर अपनी बात मनवाने की कोशिश की.
क्या हुआ था गुरुवार को?
गुरुवार सुबह मुंबई के पवई इलाके में स्थित आर ए स्टूडियो में रोहित ने वेब सीरीज में एक्टिंग ऑडिशन के बहाने करीब 100 बच्चों को बुलाया था. इस दौरान उसने करीब 17 बच्चों समेत कुल 19 लोगों को बंधक बना लिया और बाकी को बाहर भेज दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने इलाके को घेर लिया और दो घंटे चले स्पेशल ऑपरेशन के बाद सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला.
अस्पताल में हुई मौत
पुलिस के मुताबिक, रोहित के पास से एयरगन और कुछ केमिकल पदार्थ बरामद किए गए. ऑपरेशन के दौरान रोहित को गोली लगी, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया.
रोहित ने जारी किया था वीडियो
किडनैपिंग के बीच, रोहित का एक वीडियो संदेश सामने आया, जिसमें उसने खुद को इस पूरी घटना के पीछे का व्यक्ति बताया. वीडियो में रोहित ने कहा कि यह सब उसने एक प्लान के तहत किया है और उसकी कोई बड़ी वित्तीय मांग नहीं है. उसका दावा था कि उसकी मांगें नैतिकता से जुड़ी हैं. उसने खुद को आतंकवादी न बताते हुए कहा कि वह केवल सवाल पूछना और उनके जवाब पाना चाहता है.