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BMC चुनाव से पहले मलाड और कुर्ला में बढ़ गए 50% से ज्यादा मतदाता, साउथ मुंबई में वोटर ग्राफ डाउन

मुंबई में BMC चुनाव की तैयारी है. इस बीच ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से नई तस्वीर उभरकर सामने आई है. कहीं वोटरों की बंपर बढ़त दर्ज हुई है तो कहीं भारी गिरावट देखने को मिल रही है. इसके पीछे बड़े स्तर पर शहरी पलायन का खेल सामने आया है.

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मुंबई के कई इलाकों की मतदाता सूची में बड़ा फेरबदल देखने को मिल रहा. (File Photo: PTI)
मुंबई के कई इलाकों की मतदाता सूची में बड़ा फेरबदल देखने को मिल रहा. (File Photo: PTI)

मुंबई में BMC चुनाव से पहले जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. शहरभर के 227 वार्डों में वोटरों की संख्या में कुल 12.67 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, लेकिन यह बढ़त सभी इलाकों में बराबर नहीं है. पश्चिमी और मध्य उपनगरों में जहां वोटरों की संख्या तेजी से बढ़ी है, वहीं साउथ मुंबई के कई पुराने इलाकों में मतदाताओं की संख्या घट गई है.

ड्राफ्ट मतदाता सूची ने शहर की चुनावी तस्वीर में बड़े बदलावों को उजागर किया है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2017 के बाद से पूरे मुंबई में वोटरों की संख्या में कुल 12.67 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हालांकि यह बदलाव असमान रहा और लगभग सभी 227 वार्डों में अलग-अलग ट्रेंड देखने को मिला.

मलाड और कुर्ला में बढ़ गए वोटर्स

सबसे बड़ा उछाल पश्चिमी उपनगरों के मलाड–मालवणी इलाके और मध्य मुंबई के कुर्ला क्षेत्र में देखने को मिला. पी नॉर्थ बेल्ट के वार्ड नंबर 48, 33, 163 और 157 में वोटरों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है. इन इलाकों में मुख्य रूप से वर्किंग क्लास और अल्पसंख्यक समुदायों की आबादी रहती है, जिसके चलते आंकड़ों पर राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी बारीकी से नजर रखी जा रही है. कुल मिलाकर वोटर बढ़ोतरी के टॉप-5 वार्डों में से तीन अकेले पी नॉर्थ ज़ोन से हैं.

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24 वार्डों में वोटर्स की संख्या घटी

दूसरी ओर, मुंबई की आइलैंड सिटी यानी दक्षिण मुंबई के पुराने वार्डों में वोटों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. कुल 24 वार्ड ऐसे हैं जहां वोटरों की संख्या घटी है, जिनमें से 10 उपनगरों में भी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा गिरावट आइलैंड सिटी के वार्डों में दर्ज हुई है. सी वार्ड के इलाके- जैसे कलबादेवी और चीरा बाजार से बड़ी संख्या में लोग बाहर शिफ्ट हुए, क्योंकि कई पुराने मकानों का रिडेवलपमेंट हुआ और लोगों को शहर के बाहर नए मकान मिले हैं.

बदलाव के क्या कारण हैं?

प्रशासनिक स्तर पर इस बदलाव का एक बड़ा कारण मतदाता सूची की सफाई भी है. BMC और चुनावी मशीनरी ने करीब 11 लाख (1.1 मिलियन) डुप्लिकेट वोटर एंट्री हटाने की प्रक्रिया चलाई, जिससे कई इलाकों में आंकड़े अचानक कम दिखाई देने लगे. इसके साथ ही नए मतदाताओं का जुड़ना, आंतरिक माइग्रेशन और नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स भी वोटर बेस के बदलने की बड़ी वजह बने हैं.

इसका सीधा असर आने वाले BMC चुनावों में वार्ड-स्तरीय मुकाबलों पर पड़ सकता है. ड्राफ्ट लिस्ट पर आपत्तियों और सुधार की प्रक्रिया के बाद फाइनल मतदाता सूची जारी की जाएगी.

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