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महाराष्ट्र निकाय चुनाव में गजब का खेल, शरद पवार गुट ने अजित पवार को दिया गठबंधन का ऑफर, क्या फिर एक होगा पवार परिवार

महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में राजनीतिक समीकरण बदलते दिख रहे हैं. शरद पवार की एनसीपी (SP) ने अजित पवार गुट को बीजेपी-शिंदे सेना गठबंधन को हराने के लिए हाथ मिलाने का प्रस्ताव दिया है. कामठे ने अजित पवार के साथ करीब 15 मिनट तक इस प्रस्ताव पर चर्चा की.

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क्या अजित पवार और शरद पवार फिर होंगे एक. (File Photo: ITG)
क्या अजित पवार और शरद पवार फिर होंगे एक. (File Photo: ITG)

निकाय चुनाव में महाराष्ट्र की राजनीति को नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है. पहले उद्धव और राज ठाकरे के साथ निकाय चुनाव लड़ने की जानकारी सामने आई थी. अब पिंपरी चिंचवड़ में होने वाले नगर निगम चुनाव से पहले शरद पवार की पार्टी NCP (SP) ने अजित पवार से गठबंधन का प्रस्ताव दिया है.

दूसरी ओर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह नगर निगम चुनावों में अजीत पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.

तुषार कामठे ने अजित पवार से की मुलाकात

इसी को लेकर पिंपरी चिंचवड़ NCP (SP) के प्रमुख तुषार कामठे पुणे के बारामती होस्टल में अजीत पवार से मुलाकात की और बीजेपी-शिंदे सेना के गठबंधन को हराने के लिए संभव गठबंधन की चर्चा की.

तुषार कामठे ने कहा, 'हमारी पार्टी की हाईकमान ने हमें व्यावहारिक और स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने को कहा है. साथ ही हमें ये भी बताया गया है कि हमें बीजेपी जैसी उन पार्टियों का साथ नहीं देना चाहिए जो धर्म के आधार पर लोगों को बांट रही हैं. हम उन लोगों को साथ लेकर चलेंगे जो फुले, शाहू और अंबेडकर के विचारों में विश्वास रखते हैं.'

हमने अजित पवार को दिया प्रस्ताव

उन्होंने आगे कहा कि अगर हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो हम नगर निगमों में भाजपा और उनके भ्रष्ट नेताओं को हरा सकते हैं. कामठे ने कहा, 'हमने अजीत पवार को गठबंधन का प्रस्ताव दिया है.' अजीत पवार ने कामठे के साथ इस विचार पर 15 मिनट तक चर्चा की, लेकिन साथ आने का कोई वादा नहीं किया.

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गढ़ बचाने को कोशिश

दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी ने मुंबई और एमएमआरडीए क्षेत्र में अजीत पवार के साथ गठबंधन न करने का फैसला लिया है. हालांकि, अजीत पवार की पार्टी की पुणे और पिंपरी चिंचवड में मजबूत उपस्थिति है, फिर भी बीजेपी दोनों नगर पालिकाओं में शिंदे सेना के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है.

माना जा रहा है अगर अजीत पवार और शरद पवार की पार्टी पुणे और पिंपरी में अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी तो धर्मनिरपेक्ष वोटों में बंटवारा होगा और ये बीजेपी के लिए सीधा फायदेमंद होगा. इसलिए कामाठे और पार्टी में उनके सहयोगी अजित पवार को गठबंधन के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम में ज्यादा सीटें हासिल की जा सकें.

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