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कोयना बांध से कृष्णा नदी में छोड़ा जा रहा एक लाख क्यूसेक पानी

मौसम विभाग ने कहा कि सतारा जिले सहित राज्य के बाकी हिस्सों में सप्ताह के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की उम्मीद है. पश्चिमी महाराष्ट्र में, विभिन्न बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की वजह से उनमें से पानी छोड़ा जा रहा हैं. सतारा जिले के कोयना बांध (कृष्णा नदी) का पानी कोयना नदी में एक लाख क्यूसेक की दर से छोड़ा जा रहा है. 

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कोयना बांध
कोयना बांध
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र में लगातार बारिश से हाल बेहाल
  • सतारा जिले में बाढ़ की स्थिति बन गई है
  • नदियों पर बने बांध में पानी छोड़ा जा रहा

मौसम विभाग ने महाराष्‍ट्र के पुणे और सतारा जिले में आज तेज बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग कहा कि सतारा जिले सहित राज्य के बाकी हिस्सों में सप्ताह के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की उम्मीद है. पश्चिमी महाराष्ट्र में, विभिन्न बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की वजह से उनमें से पानी छोड़ा जा रहा है. सतारा जिले के कोयना बांध (कृष्णा नदी) का पानी कोयना नदी में एक लाख क्यूसेक दर से छोड़ा जा रहा है. 


सातारा जिला में मूसलाधार बारिश जारी है सातारा जिला के डैम का पानी का लेवल बढ़ रहा है. राज्य के सभी डैम 90 फीसद से ज्यादा पानी से भरे हुए हैं. 6 डैम से पानी छोड़ा जा रहा है, इनमें कोयना बांध, वीर डैम, धोम डैम से बड़े पैमाने में पानी को छोड़ा जा रहा है. नदी किनारे बसे हुए गांव को सतर्कता का इशारा भी किया गया है.

कोयना डैम से प्रतिदिन एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इस वजह से कृष्णा और कोयना नदी में बाढ़ की परिस्थिति का निर्माण हुआ है. सतारा के कराड, प्रीती संगम दो नदियों का मिलाप जहां होता है वह बाढ़ की स्थिति बन गई है. 


पश्चिम महाराष्ट्र का सबसे बड़े डैम कोयना डैम के दरवाजे पानी छोड़ने के लिए 10 फीट से ऊपर उठाये गए हैं. उसी वजह से प्रतिदिन एक लाख क्यूसेक पानी डैम से बाहर निकल रहा है. डैम 92.38 टीएमसी से भरा है. मौसम विभाग ने अगले 6 दिनों तक मूसलाधार बारिश की आशंका जताई है.

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वहीं, कोल्हापुर जिले में राधानगरी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में भी अच्छी बारिश हुई है. कोल्हापुर जिले के राधानगरी बांध के चार गेट खोल दिए गए हैं और इससे 7112 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. कोल्हापुर और सांगली जिलों में पिछले साल भीषण बाढ़ आ गयी थी. 

बहरहाल, अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश से पंचगंगा नदी की प्रमुख सहायक केसरी नदी में बाढ़ के कारण कोल्हापुर जिले के कुछ गांव का संपर्क कट गया है. महाराष्ट्र के मंत्री राजेंद्र पाटिल ने कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जारकिहोली से बात की. इसके बाद उत्तरी कर्नाटक में अलमाटी बांध से पानी छोड़ने की मात्रा 20,000 क्यूसेक से बढ़ाकर दो लाख क्यूसेक कर दी गयी है. 

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