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नहीं रहे 48 साल के कांग्रेस सांसद धानोरकर, 4 दिन पहले ही हुआ था पिता का निधन

महाराष्‍ट्र के इकलौते कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर का दिल्ली में निधन हो गया. वह 48 साल के थे. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने बताया कि उनका पिछले तीन दिनों से दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. इससे पहले नागपुर में उनका किडनी की बीमारी का इलाज चल रहा था.

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महाराष्ट्र के एकमात्र कांग्रेस सांसद थे बालू धानोरकर (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र के एकमात्र कांग्रेस सांसद थे बालू धानोरकर (फाइल फोटो)

महाराष्‍ट्र के इकलौते कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर का दिल्ली में निधन हो गया. वह 48 साल के थे. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने बताया कि उनका पिछले तीन दिनों से दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. बालू उर्फ सुरेश धनोरकर चंद्रपुर से सांसद थे. कुछ दिन पहले ही उनका किडनी स्टोन का ऑपरेशन किया गया था. इसी के बाद उनकी हालत खराब होना शुरू हो गई थी.

जानकारी के मुताबिक नागपुर में हालत गंभीर होने पर उन्हें रविवार को एयर एंबुलेंस से दिल्ली के वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया गया. दो दिन से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. वह वेंटीलेटर पर थे. मंगलवार तड़के उनका निधन हो गया. वहीं चार दिन पहले उनके पिता की मौत निधन हो गयाल. अस्पताल में भर्ती होने के कारण वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा पाए थे. उनकी पत्नी प्रतिभा धनोरकर वरोरा विधानसभा से विधायक हैं. 

वरोरा में कल होगा अंतिम संस्कार

जानकारी के मुताबिक धानोरकर का पार्थिव शरीर दिल्ली से नागपुर होते हुए दोपहर 1:30 बजे वरोरा उनके आवास ले जाया जाएगा. दोपहर 2 बजे से 31 मई की सुबह 10 बजे तक उनके निवास में अंतिम दर्शन किए जाएंगे फिर सुबह 11 बजे वाणी-वरोरा बाईपास मार्ग स्थित मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार होगा.

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शिवसेना से की थी राजनीति की शुरुआत

धानोरकर का जन्म 4 मई 1975 को यवतमाल जिले में हुआ था. उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत शिवसेना से हुई थी. पार्टी के कई बड़े पदों पर काम करने के बाद 2009 में शिवसेना से पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन उनकी बहुत कम वोटों के अंतर से वह हार गए. 2014 में भद्रावती वरोरा से शिवसेना के विधायक बनए. इसके बाद 2019 में उन्होंने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए. पार्टी ने उन्हें चंद्रपुर वाणी आर्णी से लोकसभा का चुनाव लड़ाया. वह सांसद चुने गए. उन्होंने बीजेपी के बड़े नेता हंसराज अहीर को हराकर बड़ी जीत हासिल की थी. वह महाराष्ट्र से एकमात्र कांग्रेस सांसद थे. पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ थी.
 

 

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