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28 युवकों से 2 करोड़ की ठगी, जालसाजों ने अधिकारी और क्लर्क बनाने का दिया था झांसा, ऐसे खुली पोल

धनबाद डीसी कार्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 28 युवकों से ठगी की गई. आरोपी ने सबसे पहले अपने मकान मालिक के बेटे और बेटी को झांसे में लिया. फिर धनबाद उपायुक्त कार्यालय के पांच विभागों में अधिकारी, क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी में 160 रिक्तियां हैं. इसके लिए उसने बकायदा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का पत्र भी दिखाया.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

झारखंड के धनबाद डीसी कार्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 28 युवकों से 2 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का मामला सामने आया है. ठगी करने वालों ने अधिकारी की नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे वसूले हैं. आरोपियों ने युवक और युवतियों को फर्जी योगदान लेटर भी डाक से भेजा था. जब युवकों ने ठगी करने वाले विकास कुमार से योगदान दिलाने के लिए धनबाद साथ चलने के लिए दबाव बनाया, तो वह कुल्टी स्थित अपने किराए के मकान से फरार हो गया.

इसके बाद उसने अपना फोन भी बंद कर लिया. ठगों के इस गिरोह में विकास कुमार के साथ दीपक राम भी शामिल है. विकास कुमार ने जिन 28 युवकों से ठगी की है, उनमें बंगाल के कुल्टी निवासी, उसके मकान मालिक के बेटे प्रकाश सिंह और बेटी अनामिका कुमारी भी शामिल हैं. बाकी 26 युवक-युवतियां धनबाद के निरसा की हैं. सभी युवक-युवतियां करीब एक सप्ताह पहले योगदान लेटर लेकर पूर्व धनबाद डीसी आफिस पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि वे ठगी के शिकार हुए हैं. इसके बाद सभी शनिवार को फिर से धनबाद डीसी आफिस पहुंचे और सिटी एसपी अजीत कुमार से मिले और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी. 

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'मकान मालिक के बेटे और बेटी को झांसे में लिया'

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दरअसल, अगस्त 2023 में विकास कुमार ने स्वयं को धनबाद का एक्साइज इंस्पेक्टर और चर्च का फादर बता कुल्टी बोहला में किराए पर एक मकान लिया. उसने सबसे पहले अपने मकान मालिक के बेटे और बेटी को झांसे में लिया. फिर धनबाद उपायुक्त कार्यालय के पांच विभागों में अधिकारी, क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी में 160 रिक्तियां हैं. इसके लिए उसने बकायदा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का पत्र भी दिखाया.

'चयनित सूची समेत तमाम दस्तावेज दिखाए'

इसके बाद उसने 28 युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर 15-15 हजार रुपये की वसूली की. विकास इन युवकों को धनबाद का पुराना डीसी कार्यालय लेकर भी आया. डीसी ऑफिस के बरवाअड्डा शिफ्ट होने के बाद वह वहां भी इन युवकों को लेकर गया. उसने नए डीसी कार्यालय के बाहर इन युवकों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं. इन्हें अपने झांसे में लेने के लिए उसने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग, चयनित सूची समेत तमाम दस्तावेज दिखाए.

'चार से नौ लाख रुपये प्रति व्यक्ति लिए'

इस बीच उसने युवक-युवतियों से किस्तों में राशि वसूली की. यह राशि प्रति व्यक्ति 4 से 9 लाख रुपये तक है. ज्वाइनिंग लेटर युवक-युवतियों को भेजा गया उसमें सभी का नाम और पद का भी जिक्र किया गया था. विकास कुमार ने नौ विभागों के नाम से सभी को जॉइनिंग लेटर भेजा था. इनमें धनबाद का पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, परिवहन विभाग, मद्य निषेध विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कल्याण विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, महिला व बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, जिला सांख्यिकी विभाग और समाज कल्याण विभाग का नाम शामिल है.

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'अधिकारियों के हस्ताक्षर एवं मुहर का भी किया प्रयोग'

विकास कुमार ने जो पत्र जारी किए वे हूबहू सरकारी पत्रों जैसे हैं. यहां तक की झारखंड सरकार के लोगो का उपयोग भी सभी पत्रों पर किया गया है. इसके अलावा धनबाद और रांची के सचिव स्तर के अधिकारियों के हस्ताक्षर एवं मुहर का भी प्रयोग किया गया है. इन पत्रों पर कहीं भी पत्रांक नहीं है. केवल दिनांक एवं नीचे अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं.

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