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झारखंड के IFS अधिकारी पर बाबूलाल मरांडी का बड़ा आरोप, हेमंत सरकार से की जांच की मांग

झारखंड बीजेपी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेसवार्ता में राज्य सूचना जनसंपर्क विभाग और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद के निदेशक व सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने बक्शी के पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल की हाई-लेवल जांच की मांग की.

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बाबूलाल मरांडी ने वन विभाग में भी घोटाले की बात कही और उच्च स्तरीय जांच की मांग की. (File Photo: ITG)
बाबूलाल मरांडी ने वन विभाग में भी घोटाले की बात कही और उच्च स्तरीय जांच की मांग की. (File Photo: ITG)

झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता कर राज्य सरकार में मची लूट भ्रष्टाचार पर निशाना साधा. उन्होंने सरकार से राज्य के सूचना जनसंपर्क विभाग और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद के निदेशक और सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी के पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल की जांच कराने की मांग की है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजीव लोचन बक्शी आईएफएस अधिकारी हैं और लंबे समय से राज्य सूचना जनसंपर्क विभाग के निदेशक और प्रदूषण नियंत्रण परिषद के सदस्य सचिव भी हैं. उनके कार्यकाल में दोनों विभाग में आकंठ भ्रष्टाचार व्याप्त है.

क्या हैं आरोप?

उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों विभाग मुख्यमंत्री के अधीन हैं. लंबे समय से प्रदूषण नियंत्रण परिषद में अध्यक्ष और सूचना जनसंपर्क में सचिव नहीं है. मरांडी ने कहा, 'बक्शी के कारनामे जगजाहिर हैं. उन्होंने सूचना जनसंपर्क विभाग में भ्रष्टाचार की कमान कांटाटोली के एक दलाल ठेकेदार को दे दी है. इसके अतिरिक्त हर जिले में दलाल नियुक्त हैं जो सरकारी विज्ञापनों, होर्डिंग और अखबारों में करोड़ों के कमीशन का सौदा करते हैं.

बाबूलाल मरांडी ने कहा, 'वन विभाग में भी इन्होंने बड़ा घोटाला किया, जिस पर जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई. वन विभाग का चर्चित रेंजर प्रिंस इनके लिए ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसे की वसूली करता था. कुछ दिनों पहले वेब पोर्टल पर पैसे के लेनदेन का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसे सरकार के दबाव में हटाया गया.'

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'भ्रष्टाचार में कुख्यात और सिद्धहस्त'

उन्होंने कहा, 'बख्शी सीसीएफ रैंक के पदाधिकारी हैं. नहीं तो हो सकता था मुख्यमंत्री इन्हें प्रधान सचिव भी बना सकते थे.' मरांडी ने कहा, 'प्रदूषण नियंत्रण परिषद में भी फाइलों के निष्पादन में लाखों रुपये की मांग की जाती है. ऐसे में हेमंत सरकार के संरक्षण में बख्शी भ्रष्टाचार में कुख्यात और सिद्धहस्त हो चुके हैं.' उन्होंने राजीव लोचन बक्शी के 5 वर्षों के कार्यकाल की उच्च स्तरीय जांच की मांग की.

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