हिमाचल प्रदेश की राजधानी में शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में डॉक्टर-मरीज झड़प के कारण रेज़िडेंट डॉक्टरों ने एक दिन की सामूहिक छुट्टी ली, जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. यह विरोध प्रदर्शन उस घटना के बाद शुरू हुआ, जिसमें डॉक्टर राघव नारुला और एक मरीज अर्जुन पवांर के बीच मारपीट हुई थी. डॉक्टर नारुला को हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को निलंबित कर दिया था.
इस हड़कंप के कारण ओपीडी समेत मेडिकल सेवाएं बाधित रहीं, जिससे खासकर दूरदराज के इलाकों से आए मरीजों को बहुत परेशानी हुई. हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं चालू रहीं. घटना सोमवार को अस्पताल के पल्मोनरी वार्ड में हुई, जहां का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें डॉक्टर ने मरीज को थप्पड़ मारते देखा गया.
मरीज अर्जुन सिंह का कहना था कि झड़प डॉक्टर की ओर से ‘तू’ कहने पर शुरू हुई, जिसे उन्होंने आपत्तिजनक माना. वहीं डॉक्टर नारुला ने आरोप लगाया कि मरीज और उसके परिवार वालों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्होंने हिंसक व्यवहार शुरू किया.
इस स्थिति को लेकर रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने शुक्रवार को सामूहिक छुट्टी ली और शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
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सरकार से मुलाकात, समाधान नहीं
RDA के अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं. मुख्यमंत्री ने उनकी बात ध्यान से सुनी और अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नए निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया. साथ ही हमलावरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भी वादा किया.
शिमला मेडिकल और डेंटल कॉलेज शिक्षक संघ (SAMDCOT) ने भी इस मामले में पारदर्शी कानूनी जांच की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे.