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हरियाणा में बर्बाद फसलों का मुआवजा... AAP नेता ढांडा ने उठाए सवाल, BJP सरकार पर लगाए आरोप

अनुराग ढांडा ने पंजाब सरकार का उदाहरण देते हुए सवाल उठाया कि अगर पंजाब सरकार किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा दे सकती है, तो हरियाणा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री किसानों से संवाद नहीं कर रहे हैं और केवल दफ्तरों और बैठकों में निर्णय ले रहे हैं.

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ढांडा ने कहा कि किसानों को दिया जा रहा मुआवजा पर्याप्त नहीं है और इसे तुरंत बढ़ाया जाना चाहिए. (Photo- ITG)
ढांडा ने कहा कि किसानों को दिया जा रहा मुआवजा पर्याप्त नहीं है और इसे तुरंत बढ़ाया जाना चाहिए. (Photo- ITG)

हरियाणा में हालिया बाढ़ और बारिश से किसानों की फसलों के बड़े पैमाने पर बर्बाद होने के मामले पर आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने बुधवार को सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 20 लाख एकड़ फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन बीजेपी सरकार इस गंभीर समस्या के प्रति संवेदनशील नहीं दिख रही.

ढांडा ने कहा कि किसानों को दिया जा रहा मुआवजा पर्याप्त नहीं है और इसे तुरंत बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए राहत पोर्टल में धोखाधड़ी और गड़बड़ी के कारण कई किसान अपनी राशि तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ढांडा ने कहा, "हजारों किसान पोर्टल की तकनीकी खामियों से हताश और परेशान हैं."

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री किसानों से संवाद नहीं कर रहे हैं और केवल दफ्तरों और बैठकों में निर्णय ले रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि गांवों में किसान भारी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. हरियाणा सरकार की नीतियां शुरू से ही किसानों के खिलाफ रही हैं और आज फिर यह साफ दिखाई दे रही है.

अनुराग ढांडा ने पंजाब सरकार का उदाहरण देते हुए सवाल उठाया कि अगर पंजाब सरकार किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा दे सकती है, तो हरियाणा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि हरियाणा में अब तक औसतन 10-12 हज़ार रुपये प्रति एकड़ से अधिक मुआवज़ा देने की घोषणा तक नहीं की गई है, जो किसानों के लिए पर्याप्त नहीं है.

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ढांडा ने यह भी स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी किसानों के हक़ और उचित मुआवज़े के लिए संघर्ष जारी रखेगी. उन्होंने कहा, "जब पंजाब के किसान सम्मान और राहत पा सकते हैं, तो हरियाणा के किसान भी अपने हक के लिए मजबूती से आवाज़ उठाएँगे. किसी की मेहनत और हक़ के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे."

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