गुजरात के राजकोट इलाके में हैजा के दो मामले सामने आने के बाद कुछ इलाकों को हैजा-प्रभावित घोषित कर दिया गया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि 2 किलोमीटर के दायरे में एक क्षेत्र को हैजा प्रभावित घोषित करने की अधिसूचना 5 जुलाई को कलेक्टर प्रभाव जोशी द्वारा महामारी रोग अधिनियम के तहत जारी की गई थी.
उन्होंने कहा, 'यह दो महीने की अवधि के लिए लागू रहेगा. इलाकों में लोहानगर, रेलवे क्रॉसिंग और गोंडल रोड शामिल हैं. अधिसूचना के तहत 4 सितंबर तक बर्फ से बने खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.' राजकोट नगर निगम के स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी जयेश वकानी ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह बीमारी बाहर से लाए गए दूषित पानी के कारण शुरू हुई होगी.
बाहर के पानी से फैली ये बीमारी
वकानी को कलेक्टर द्वारा हैजा नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किया गया है. उन्होंने बताया, 'लोहानगर में रहने वाले कुछ लोग मछली बेचते हैं. वे बाहरी इलाके से मछली लाते हैं और कुछ दिनों के बाद बेचने से पहले इसे अपने घर में एक छोटे से गड्ढे में जमा करते हैं. हो सकता है कि उस पानी में गंदगी के हैजा के दो मामले सामने आए हों. नियम के अनुसार, एक भी मामला दर्ज होने पर किसी क्षेत्र को हैजा प्रभावित घोषित कर दिया जाता है.'
वकानी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और सर्वेक्षण करने और संदिग्ध मामलों का पता लगाने के लिए 25 टीमों को तैनात किया गया है. पानी और भोजन की नियमित जांच के अलावा इन क्षेत्रों के 1,500 निवासियों की निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमने इलाके के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है.
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हैजा एक तेजी से फैलने वाला संक्रमण है जो विब्रियो कॉलेरी जीवाणु से दूषित भोजन या पानी के इस्तेमाल से होता है. सही इलाज न मिलने पर यह घातक साबित हो सकता है.