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गुजरात में बड़ा एक्शन... 3 हजार घर ध्वस्त, घुसपैठियों को बसाने वाले लल्लू बिहारी का साम्राज्य नेस्तनाबूद

महमूद पठान उर्फ लल्लू बिहारी ने 25000 रुपए के किराये के करार के जरिए घुसपैठियों को रहने की जगह दी और उन्हें जाली भारतीय पहचान पत्र बनवाने में मदद की. लल्लू बिहारी ने दो दशक पहले अहमदाबाद में बसने के बाद चंडोला तालाब पर अवैध निर्माण शुरू किए और डर व धमकी के बल पर अपना साम्राज्य खड़ा किया.

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अहमदाबाद में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई.
अहमदाबाद में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई.

Gujarat News: अहमदाबाद में चंडोला तालाब के आसपास बने 3000 से अधिक अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए  अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई. इस अभियान में 50 बुलडोजर, 50 ट्रक, 2000 से अधिक पुलिसकर्मी, राज्य रिजर्व पुलिस और 500 से ज्यादा नगर निगम कर्मचारी शामिल थे. शाहआलम इलाके में 'बंगाली वास' के नाम से कुख्यात इस क्षेत्र में 1.24 लाख वर्ग मीटर भूमि से अवैध निर्माण हटाए गए. इस कार्रवाई की समीक्षा स्वयं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने की.

क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि चंडोला तालाब का यह क्षेत्र देश-विरोधी गतिविधियों का आश्रय स्थल बन चुका था. 25 अप्रैल को की गई छापेमारी में 850 से अधिक संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को हिरासत में लिया गया था.

लल्लू ने 2 दशक में खड़ा किया साम्राज्य 

जांच में पता चला कि अजमेर मूल के महमूद पठान उर्फ लल्लू बिहारी ने 25000 रुपए के किराए के करार के जरिए घुसपैठियों को रहने की जगह दी और उन्हें जाली भारतीय पहचान पत्र बनवाने में मदद की. लल्लू बिहारी ने दो दशक पहले अहमदाबाद में बसने के बाद चंडोला तालाब पर अवैध निर्माण शुरू किए और डर व धमकी के बल पर अपना साम्राज्य खड़ा किया.

12 लाख रुपए की हर महीने आमदनी

पुलिस के मुताबिक, लल्लू बिहारी अवैध बिजली कनेक्शन दिलवाकर झोपड़ियां बनाता था, जिससे वह प्रति माह 12 लाख रुपए से अधिक की कमाई करता था. वह बांग्लादेशी महिलाओं को वेश्यावृत्ति के रैकेट में धकेलने और कुछ लोगों से भीख मंगवाने जैसे गैरकानूनी कार्यों में भी लिप्त था. पिछले साल अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने उसके वेश्यावृत्ति रैकेट का भंडाफोड़ किया था और कई बांग्लादेशियों को वापस भेजा था.

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बेटा गिरफ्तार और सरगना लल्लू बिहारी फरार.

इस कार्रवाई में लल्लू बिहारी के आलीशान फार्म हाउस सहित सभी अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए गए. उसके बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन वह स्वयं फरार है. लल्लू बिहारी पहले पैरोल पर रिहा हुआ था, लेकिन वापस नहीं लौटा और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

'बंगाली वास' से 4 आतंकी हो चुके गिरफ्तार

गुजरात हाईकोर्ट में इस कार्रवाई को आवश्यक बताते हुए सरकार ने कहा कि 2022 में गुजरात एटीएस ने चंडोला से अलकायदा के चार आतंकियों को पकड़ा था, जिनकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है. वर्तमान में भी यहां रहने वाले कुछ अवैध नागरिकों के अलकायदा से संबंध होने की आशंका है.

अवैध बांग्लादेशियों का मुख्य आश्रय स्थल

गुजरात एटीएस और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को सूचना थी कि बांग्लादेश की जेलों से रिहा कुछ आतंकी भारत के शहरों में घुसने की फिराक में हैं. इस आधार पर छानबीन की गई और अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ा गया. सरकार का दावा है कि चंडोला तालाब के अवैध निर्माण इन लोगों के लिए मुख्य आश्रय स्थल थे, जिसके कारण इन्हें संरक्षण मिल रहा था. इसलिए इनका ध्वस्तीकरण जरूरी था. 

कोर्ट का रोक लगाने से इनकार 

स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन कोर्ट ने डिमोलिशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. यह अभियान 'ऑपरेशन क्लीन' के तहत चलाया जा रहा है, जिसे अहमदाबाद के इतिहास में सबसे बड़ा ध्वस्तीकरण अभियान माना जा रहा है.

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इनका कहना 

पुलिस आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि इस कार्रवाई के लिए व्यापक तैयारी की गई थी. लल्लू बिहारी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और क्राइम ब्रांच उसकी गतिविधियों की गहन जांच कर रही है. आने वाले दिनों में चंडोला क्षेत्र में और भी मेगा ध्वस्तीकरण अभियान चलाए जाने की योजना है.

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