मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली सरकार की 'एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमिटी' की अहम बैठक सचिवालय में बुलाई गई. इस बैठक में दिल्ली के विकास के लिए कई अहम परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान 27 डी-सेंट्रलाइज्ड एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के निर्माण को मंजूरी दी, जिसकी लागत ₹3140 करोड़ होगी. इस परियोजना का उद्देश्य यमुना नदी की सफाई और संरक्षण करना है. इस परियोजना के तहत, डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, टर्मिनल एसपीएस की स्थापना, सीवर लाइन बिछाने जैसे कार्य शामिल हैं.
यह योजना जल प्रदूषण, दुर्गंध और भूमिगत जल स्तर में गिरावट को कम करेगी. ये एसटीपी विभिन्न स्थानों पर निर्मित किए जाएंगे, जिससे जल प्रदूषण पर काबू पाया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त, नरेला में ₹148.58 करोड़ की लागत से एक हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण किया जाएगा. इस जेल में 256 कैदियों के रहने की सुविधा होगी, जो लगभग 40 एकड़ क्षेत्र में फैली होगी. यह फैसला दिल्ली की जेल प्रणाली को अधिक आधुनिक और सुरक्षित बनाने के लिए लिया गया है.
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द्वारका में बनेगा इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग सेंटर
इसके साथ ही, दिल्ली की परिवहन प्रणाली को सुधारने के लिए द्वारका में इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण को भी हरी झंडी दी गई. इस परियोजना पर ₹107.02 करोड़ खर्च होंगे, जिसके अंतर्गत द्वारका के क्लस्टर डिपो और डीटीसी डिपो में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी संबंधित विभागों को परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से और आधुनिक तकनीकों के साथ मिशन मोड में पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
पूरी दिल्ली में बनेंगे 1139 जन आरोग्य केंद्र
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ आयुष्मान भारत योजना के दिल्ली में प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने से संबंधित बैठक भी की. बैठक में तय हुआ कि दिल्ली में जल्द ही 1,69,000 आयुष्मान आरोग्य कार्ड का वितरण शुरू किया जाएगा. इस अभियान में जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की गई है. मीटिंग में यह भी तय हुआ कि दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं के डिसेंट्रलाइजेशन को लेकर बड़ा कदम उठाया जाएगा. देश की राजधानी में 1139 जन आरोग्य केंद्रों की स्थापना की जाएगी. हर विधानसभा क्षेत्र में 14 से 15 जन आरोग्य केंद्र होंगे.
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हर जिले में एक इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब
इन केंद्रों में प्राथमिक उपचार, परामर्श, और निवारक दवाओं की सुविधा उपलब्ध होगी. साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के लिए वय वंदना योजना भी जल्द लागू की जाएगी. 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि उन्हें समय पर स्वास्थ्य लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर जन आरोग्य केंद्रों के लिए उपयुक्त स्थलों की पहचान कर रिपोर्ट सौंपी जाए. इसके अलावा, हर जिले में एक इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब और 9 क्रिटिकल केयर ब्लॉक भी बनाए जाएंगे. सीएम गुप्ता ने पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले इस योजना को लागू करने में अनावश्यक देरी हुई, लेकिन अब 'स्वस्थ दिल्ली, सशक्त दिल्ली' के लक्ष्य के साथ भाजपा सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है.