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दिल्ली में पानी का संकट गहराया, सूखने लगी यमुना... केजरीवाल सरकार भी टेंशन में

राजधानी दिल्ली में पानी का संकट गहरा सकता है. यमुना सूखने के कगार पर है और ये खुद दिल्ली के जलमंत्री कह रहे हैं. वजीराबाद बैराज में जलस्तर समुद्रतल से 5.5 फीट नीचे गिर चुका है. अगर हरियाणा सरकार ने दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़ा तो यहां पानी की भारी किल्लत हो सकती है.

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दिल्ली में ज्यादातर पानी की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से आने वाली नदी से होती है.
दिल्ली में ज्यादातर पानी की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से आने वाली नदी से होती है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूरी दिल्ली में पानी की सप्लाई यमुना से होती है
  • एक फीट पानी कम होने से बढ़ जाती है किल्लत

दिल्ली में पानी का संकट गहरा गया है. यमुना में लगातार जलस्तर भी घट रहा है. मंगलवार को दिल्ली सरकार में जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने वजीराबाद बैराज का निरीक्षण किया. साथ ही वजीराबाद और चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी का उत्पादन प्रभावित होने पर चिंता जाहिर की. मंत्री ने कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़ा तो यहां पानी की भारी किल्लत हो सकती है.

दिल्ली सरकार का आरोप है कि हरियाणा सरकार द्वारा कम पानी छोड़े जा रहा है, जिसके कारण वजीराबाद बैराज में जलस्तर सामान्य 674.5 फीट से घटकर इस साल के न्यूनतम स्तर 669 फीट (समुद्र तल से 5.5 फीट नीचे) पर पहुंच गया है. जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि वजीराबाद तालाब दिल्ली का सबसे महत्वपूर्ण जलाशय है. यह उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली के लिए पानी के प्रमुख स्रोतों में से एक है. पानी की किल्लत से परेशान लोग दिल्ली जल बोर्ड के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष 1916 पर टैंकर के लिए संपर्क कर सकते हैं.

मंत्री जैन ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा से पानी की कम निकासी के कारण दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स अपनी कैपेसिटी से कम क्षमता पर काम कर रहे हैं. नतीजतन, वजीराबाद डब्ल्यूटीपी में पानी का उत्पादन 60-70 एमजीडी कम हो गया है. हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों के हिस्से का पानी रोके जाने के चलते यमुना सूख गई है.

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दिल्ली में ज्यादातर पेयजल आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से होती है

बताते चलें कि दिल्ली एक लैंडलॉक शहर है. यहां ज्यादातर पानी की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से आने वाली नदी से होती है. यूपी गंगा के पानी की आपूर्ति करता है और हरियाणा से यमुना के पानी की आपूर्ति होती है. वहीं, पंजाब के भाखड़ा नंगल से भी कुछ पानी मिलता है. इनमें सबसे ज्यादा पानी की आपूर्ति हरियाणा से होती है. 

यमुना दिल्ली में वजीराबाद बैराज से 15 किमी ऊपर पल्ला में प्रवेश करती है, जो दिल्ली का एक मुख्य जलाशय है. बता दें, वजीराबाद बैराज को साल 1959 में उत्तरी दिल्ली में यमुना नदी पर बनाया गया था. बैराज एक विशेष प्रकार का बांध होता है, जिसमें बड़े-बड़े द्वारों की श्रंखला होती है. बैराज द्वारा नदियों के प्रवाह और उनके जलस्तर को नियंत्रित किया जाता है. इस साल वजीराबाद तालाब का जलस्तर गिरकर इस साल के न्यूनतम 669 फीट के स्तर पर आ गया है. इस संबंध में दिल्ली जल बोर्ड की ओर से लगातार हरियाणा सिंचाई विभाग से स्थिति में सुधार की मांग की जा रही है, लेकिन हरियाणा सराकर की तरफ से कोई सुध नहीं ली जा रही है.

एक फीट पानी नहीं आता है तो गहरा जाता है संकट

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जल मंत्री सत्येंद्र जैन का आरोप है कि हरियाणा सरकार द्वारा पर्याप्त पानी की आपूर्ति ना किए जाने के कारण वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर बेहद कम हो गया है. बता दें कि यमुना का जलस्तर यदि 1 फीट भी नीचे चला जाता है तो दिल्ली में पानी की भारी किल्लत हो जाती है क्योंकि दिल्ली अपने पीने के पानी की पूर्ति का बड़ा हिस्सा यमुना से ही लेती है. दिल्ली की बढ़ती आबादी के साथ ही पानी की मांग भी बढ़ गई है. पानी का एक बढ़ा हिस्सा वजीराबाद और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से आता है. 

मंत्री ने कहा कि आज यमुना का जलस्तर 669 फीट पर पहुंच गया है, क्योंकि हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रखा है. हरियाणा द्वारा पानी की निरंतर सप्लाई में बाधा आने से दिल्लीवालों को उनके हिस्से का पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है, जो कि उनका मूल अधिकार है. हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली के नागरिकों के लिए पानी की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न की जा रही है. वे हमें हमारे हिस्से का पानी नहीं दे रहे हैं.


दिल्ली के कई हिस्सों में जलापूर्ति हो रही है प्रभावित

वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में सीधे यमुना से पानी लेकर ट्रीट किया जाता है, यह पानी हरियाणा द्वारा वजीराबाद बैराज की ओर छोड़ा जाता है. इस पानी को ट्रीट करने के बाद दिल्ली के लोगों के घरों में सप्लाई होती है. आमतौर पर यह नदी पूरी तरह से भरी होती है. लेकिन आज स्थिति यह है कि नदी सूख गई है. इसके चलते दिल्ली के कई इलाकों में पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है. यहां तक कि दिल्ली के सिविल लाइंस, हिंदूराव अस्पताल क्षेत्र, कमला नगर, शक्ति नगर और करोल बाग के आसपास के क्षेत्र, पहाड़गंज, ओल्ड और न्यू राजिंदर नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, इंद्रपुरी और आसपास के क्षेत्रों में भी इस दौरान जलापूर्ति प्रभावित हो रही है.

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