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दिल्‍ली-हरियाणा पानी विवाद: SC ने दिया यमुना निगरानी समिति को नोटिस, 14 अप्रैल को अगली सुनवाई  

सुप्रीम कोर्ट हरियाणा और दिल्ली जल विवाद मामले में अगली सुनवाई 14 अप्रैल को करेगा. वहीं एससी द्वारा यमुना जल प्रदूषण मामले में यमुना निगरानी समिति को नोटिस दिया है. 

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सुप्रीम कोर्ट
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर सुनवाई 
  • हरियाणा की ओर से दिया गया हलफनामा

दिल्‍ली-हरियाणा पानी विवाद में अगली सुनवाई 14 अप्रैल 2021 को होगी. सुप्रीम कोर्ट में आज हरियाणा ने हलफनामा दायर किया है. हलफनामे में कहा गया है कि राजधानी में प्रवेश करते ही पानी प्रदूषित हो रहा है. इस मामले में सीजीआई ने कहा कि क्या यह विवाद नदी के जल बंटवारे में बदल जाएगा? इस पर अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि ये पीने के पानी का मुद्दा है.

अधिवक्ता विकास सिंह ने जल प्रदूषण मुद्दे पर विचार करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति के लिए कहा है.हरियाणा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि विशेषज्ञों की टीम पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि हरियाणा यमुना के जल को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नहीं है. वहीं दूसरी बात जलापूर्ति की रही, तो अभी बांध मरम्मत का कार्य चल रहा है. 

अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि मुद्दा नदी के साफ पानी का है. दिल्ली सबसे घनी आबादी वाला इलाका है.अंतरराज्यीय जल विवाद नहीं है. हरियाणा और पंजाब दोनों से संपर्क किया गया है. हमने कई पत्र भेजे हैं. आमतौर पर अप्रैल से अगस्त के महीनों में सामान्य रूप से मरम्मत और सफाई का काम नहीं किया जाता है.वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यमुना जल प्रदूषण को लेकर एनजीटी द्वारा गठित यमुना निगरानी समिति को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई एक अगले सप्ताह के लिए टाल दी है. अब अगली सुनवाई 14 अप्रैल को होगी.

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दअरसल दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पर्याप्त पानी रिलीज करने की मांग की है. जल बोर्ड ने याचिका में आरोप लगाया कि हरियाणा से ही यमुना में प्रदूषण फैल रहा है, जिस पर राज्य सरकार निगरानी और नियंत्रण नहीं रख रही, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार को आदेश दे कि वो यमुना में प्रदूषण न फैलाए. साथ ही प्रदूषण स्तर पर निगरानी और नियंत्रण भी बनाए रखे.
 

 

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