दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच चल रहे जल विवाद को लेकर बुधवार को हुई अपर यमुना रिवर बोर्ड की मीटिंग बेनतीजा रही. हरियाणा सरकार ने 30 मई तक दिल्ली को पानी देने की बात कही है. ऐसे में साफ है कि दिल्ली में पानी की किल्लत कुछ दिन और जारी रहेगी. बता दें कि दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि हरियाणा से 70 एमजीडी कम पानी मिल रहा है.
बुधवार को सुबह 11:30 बजे शुरू हुई यह मीटिंग दोपहर 1:30 बजे खत्म हुई. इस बैठक में हरियाणा सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ- साथ दिल्ली जल बोर्ड के अफसर भी मौजूद थे. अब 30 मई के बाद पानी की स्थिति क्या होगी, इसके लिए फिर बैठक होगी.
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर कहा था कि हरियाणा वर्ष 1996 से दिल्ली को 1,133 क्यूसेक पानी की आपूर्ति करता रहा है, लेकिन अब वह इस पर सवाल खड़े कर पानी आपूर्ति कम करना चाहता है. हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह 21 मई तक 1,133 क्यूसेक पानी आपूर्ति करेगा.
ऐसे में दिल्ली सरकार व जल बोर्ड को आशंका थी कि 21 मई के बाद हरियाणा से पानी आपूर्ति कम की जा सकती है. इस स्थिति में वजीराबाद जलाशय में पानी का स्तर कम हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली में पेयजल आपूर्ति प्रभावित होगी.
ऐसे में दिल्ली में बढ़ती गर्मी, चढ़ता पारा और यमुना के गिरते जलस्तर की वजह से स्थिति भयावह हो सकती है, क्योंकि तापमान 45 से ऊपर पहुंचने के आसार हैं.