भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) के प्रोफेसर ने सरकार पर निशाना बनाने का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया. अंग्रेजी पत्रकारिता विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर अमित सेनगुप्ता ने कहा कि उन्होंने रोहित वेमुला की आत्महत्या और जेएनयू, एफटीआईआई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था. इस वजह से सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने उन्हें निशाना बनाया.
अमित सेनगुप्ता ने ओडिशा के ढेंकानाल जिले में IIMC कैंपस में ट्रांसफर का आदेश मिलने के बाद इस्तीफा दे दिया. उन्होंने ट्रांसफर को 'राजनीतिक फैसला' बताया.
सेनगुप्ता ने अपने इस्तीफे में लिख कि 'मुझे निशाना बनाया गया क्योंकि मैंने आईआईएमसी के छात्रों द्वारा कैंपस में स्वतंत्र रूप से आयोजित किए गए रोहित वेमुला के लिए एकजुटता प्रदर्शन में हिस्सा लिया, इसमें कैंपस के दूसरे सदस्य भी शामिल हुए थे. मुझे इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि मैंने जेएनयू और एफटीआईआई छात्रों का समर्थन किया.’’
सूचना मंत्रालय ने आरोप खारिज किया
राजनीतिक रूप से आईआईएमसी फैकल्टी के सदस्य को निशाना बनाने के आरोपों को खारिज करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा
किया कि सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कैंपस के राजनीतिकरण सहित सेनगुप्ता की अनुशानहीनता की कुछ हरकतों का पता चला था. हालांकि अधिकारी ने कहा कि
ढेंकानाल कैंपस में फैकल्टी की कमी के कारण सेनगुप्ता को अस्थायी रूप से भेजा गया. आरोपों पर प्रतिक्रिया में सेनगुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया पर रखा गया
उनका नजरिया उनके निजी दायरे में हैं यह उनका ‘‘संवैधानिक अधिकार’’ है.