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लाल किले से सुनी गई सम्राट विक्रमादित्य की गाथा, रोमांचित हो गए दर्शक, बोले- ऐसा पहले कभी नहीं देखा, देखें PHOTOS

Samrat Vikramaditya Mahanatya: भारत के संघर्ष और आजादी के साक्षी रहे नई दिल्ली के लाल किले की रंगत 12 अप्रैल की शाम बदली-बदली सी रही. इस लाल किले ने आज सम्राट विक्रमादित्य की कहानी जन-जन तक पहुंचाई. लोग इस पराक्रमी राजा की गाथा को सुनकर रोमांचित हो गए.

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लाल किले में सम्राट विक्रमादित्य की गाथा.
लाल किले में सम्राट विक्रमादित्य की गाथा.

भारत की आजादी के साक्षी रहे नई दिल्ली के लाल किले ने आज एक बार फिर इतिहास को जीवंत किया. लाल किले के माधवदास पार्क में आयोजित सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन ने हजारों दर्शकों को पराक्रमी सम्राट विक्रमादित्य की गाथा से रूबरू कराया. 250 कलाकारों ने विक्रम संवत युग के प्रवर्तक राजा के जीवन संघर्ष को मंच पर जीवंत किया, जिसे देख दर्शक रोमांचित हो उठे. दर्शकों ने कहा कि ऐसा ऐतिहासिक मंचन उन्होंने पहले कभी नहीं देखा.

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कार्यक्रम का शुभारंभ देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया, जो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नई दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय पर्यटन-संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हुए. राष्ट्रगान और दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई.

‘सम्राट विक्रमादित्य वाला युग लौट रहा है’
उप-राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिल्ली के दिल को छू लिया है. उन्होंने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब यमुना पर रिवर फ्रंट में भी ऐसा आयोजन होगा. भारत 5000 साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत वाला देश है. सम्राट विक्रमादित्य न्याय और सुशासन के प्रतीक थे. आज उनका युग लौट रहा है. भारत जमीन से अंतरिक्ष तक विकास कर रहा है.”

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उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री मोहन यादव.

‘विक्रमादित्य ने मानवता को धन्य किया’
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “सम्राट विक्रमादित्य का शासन 2000 साल पुराना है. विदेशी आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति को चुनौती दी, लेकिन वीर महापुरुषों ने इसे बचाया. सनातन संस्कृति गंगा की तरह अविरल बहेगी. विक्रमादित्य ने सुशासन से देश को मजबूत किया और मानवता को धन्य किया. उनका शासन रामराज्य की याद दिलाता है.”

MP के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, CM मोहन यादव, नई दिल्ली की CM रेखा गुप्ता.

‘दिल्ली के लिए सौभाग्य’
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “मोहन यादव ने दिल्लीवासियों को विक्रमादित्य के शौर्य को देखने का अवसर दिया. यह दिल्ली के लिए परम सौभाग्य है.”

13-14 अप्रैल को भी होगा मंचन
यह महानाट्य 13 और 14 अप्रैल को भी आयोजित होगा. पालकी, रथ, घोड़े और एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट्स दृश्यों को जीवंत बना रहे हैं. इसके साथ ही ‘विक्रमादित्यकालीन मुद्रा और मुद्रांक’ और ‘आर्ष भारत’ प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें 100 से अधिक ऋषियों के योगदान को दर्शाया गया है.

महानाट्य महामंचन ने बिखेरा इतिहास का रंग

मध्यप्रदेश के जनसंपर्क, पर्यटन और उद्योग विभाग की प्रदर्शनियां भी आकर्षण का केंद्र हैं. यह आयोजन न केवल इतिहास को जीवंत कर रहा है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी माध्यम बन रहा है.

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