दिल्ली नगर निगम चुनावों में बीजेपी ने 12 जोन में से 7 जोन में जीत हासिल की है. इसके उलट आम आदमी पार्टी सिर्फ पांच जोन में ही जीत दर्ज कर पाई. निगम में हुए यह चुनाव अहम हैं, क्योंकि इससे नगर निगम की प्रभावशाली स्टैंडिंग कमेटी के स्ट्रक्चर में बदलाव होंगे. यह कमेटी नगर निगम में अहम प्रशासनिक और वित्तीय मामलों को देखती है.
बीजेपी के 7 जोन में जीतने से पार्टी ने इन क्षेत्रों से स्टैंडिंग कमेटी के लिए सात सदस्यों की बढ़त बनाई है और इसके साथ ही कमेटी का नेतृत्व बीजेपी के पास आ गया है, जिसकी निगरानी एलजी करेंगे. इनके अलावा बीजेपी के 2 सदस्य हाउस से चुने गए हैं, जिससे स्टैंडिंग कमेटी में उनका कुल सदस्य संख्या 9 हो गया है.
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आम आदमी पार्टी के भी आठ सदस्य
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने भले ही कम जोन में जीत हासिल की हो, फिर भी वह 5 सदस्यों को क्षेत्रों से और 3 सदस्यों को हाउस से निर्वाचित करने में सफल रही है. इससे स्टैंडिंग कमेटी में उनके कुल 8 सदस्य हो गए हैं.
दिल्ली की राजनीति में दिखेंगे बदलाव
MCD के भीतर यह शक्ति प्रदर्शन दिल्ली के शासन के लिए अहम है, क्योंकि स्टैंडिंग कमेटी नीतियों को मंजूरी देने और शहर के अन्य संचालन को देखने के लिए जिम्मेदार है. बीजेपी के प्रभाव से आम आदमी पार्टी के लिए अब मुश्किलें पैदा हो सकती है, जहां पार्टी ने कई सालों के बाद नगर निगम पर कब्जा किया था, और पार्टी अपना मेयर नियुक्त करने में कामयाब हुई थी.
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नगर निगम में अब वित्तीय मामले की जिम्मेदारी बीजेपी की
बीजेपी के लिए यह जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे पार्टी को नगर निगम में और ज्यादा ताकत मिली है. मसलन, नगर निगम में प्रशासनिक मामलों की जिम्मेदारी अहम मानी जाती है, जिसके हाथों में वित्तीय मामले भी होते हैं. इसका मतलब है कि निगम के फंड मैनेजमेंट अब बीजेपी के हाथ में है. वहीं, AAP को नई रणनीति के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी ताकि वे अपनी नीतियों और योजनाओं को लागू कर सकें.