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दिल्ली: यमुना को लेकर PM मोदी से लेकर अमित शाह तक एक्टिव, गृह मंत्रालय की हाई लेवल मीटिंग पर सबकी नजर

भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त यमुना की सफाई को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था और पिछली सरकारों को यमुना पर ध्यान न देने के लिए घेरा भी था. फरवरी में दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यमुना सफाई पर विशेष फोकस है.

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Delhi में आज यमुना की सफाई को लेकर आज होगी अहम बैठक (फाइल फोटो)
Delhi में आज यमुना की सफाई को लेकर आज होगी अहम बैठक (फाइल फोटो)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली में यमुना की सफाई और उसके सौंदर्यीकरण को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग करेंगे. इस मीटिंग में दिल्ली की मुख्यमंत्री समेत यमुना से जुड़े विभागों के मंत्रियों के अलावा सीनियर अधिकारी भी शामिल होंगे. फरवरी में दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यमुना सफाई पर विशेष फोकस है और इसकी समीक्षा सीधे प्रधानमंत्री दफ्तर और गृह मंत्रालय कर रहा है.

मॉनसून से पहले इस मीटिंग में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी क्योंकि अगले कुछ महीनों में यमुना में पानी सबसे अधिक होता है. लेकिन, बाकी समय में कैसे यमुना को पूरी तरह पुनर्जीवित किया जाए ये बड़ी चिंता है जिसको लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है.

क्या है यमुना को लेकर प्लान?
यमुना की सफाई को लेकर कई योजनाओं के फेल होने के बाद अब एक नए दृष्टिकोण से यमुना को साफ करने का काम शुरू किया गया है. इस काम में दिल्ली जल बोर्ड समेत डीडीए, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी और बाढ़ नियंत्रण विभाग जैसों की भी जिम्मेदारियां तय की जा रहीं हैं.

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यमुना के प्रदूषण की मुख्य वजह बिना साफ किए सीवेज को नदी में छोड़ने के अलावा सॉलिड वेस्ट और कारखानों से निकलने वाली औद्योगिक कचरा भी हैं. इसलिए सरकार ने योजना बनाई है कि न सिर्फ यमुना से जुड़ी इकोलॉजी को ठीक किया जाए बल्कि उसके सांस्कृतिक महत्व पर भी फोकस रहे.

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चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा यमुना को पुनर्जीवित
केंद्र और दिल्ली सरकार जानती है कि यमुना सफाई का काम काफी मुश्किल है इसलिए इसे अलग अलग फेज में बांटना जरूरी है. शुरुआत में घरेलू से लेकर औद्योगिक प्रदूषकों को कंट्रोल करने का प्लान है. इसके लिए 30 से ज्यादा जगहों पर जगह जगह पानी की क्वालिटी जांच की जाएगी. इसे यमुना में अलग अलग जगहों पर लगाने के अलावा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी के स्रोतों पर भी लगाने की योजना है. साथ ही साथ हरियाणा और दिल्ली में कारखानों से निकलने वाले पानी की भी सख्त निगरानी की जाएगी.

दूसरे चरण में यमुना के किनारे बने अवैध निर्माण को हटाने के साथ ही यमुना के किनारों को नेचुरल वेजिटेशन से विकसित किया जाएगा. ऐसा करने से न सिर्फ यमुना प्राकृतिक तौर पर साफ होगी बल्कि इसे सांस्कृतिक तौर पर भी पुनर्जीवित किया जा सकेगा. तीसरे चरण में कई तरीके के अत्याधुनिक तकनीक जिनमें सेंसर्स के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से प्रदूषण पर नियंत्रण होगा.

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500 करोड़ से भी शुरू होंगे कई प्रोजेक्ट
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने बजट भाषण में यमुना प्रोजेक्ट पर मौजूदा साल के लिए 500 करोड़ रुपए की बजट घोषणा की थी. इस फंड से लगभग 40 विकेंद्रित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा ड्रेन टैपिंग परियोजना और स्कीमर्स, वीड हार्वेस्टर जैसे मशीनों की मदद से यमुना की सफाई के काम की शुरुआत होनी है जिनमें से कई काम पहले ही सरकार के पहले 100 दिनों में ही शुरू हो चुके हैं. 500 करोड़ के अलावा 250 करोड़ की राशि बड़े नालों से आने वाले गंदे पानी को रोककर साफ करने की भी है.

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पिछली AAP और कांग्रेस सरकारों से बेहतर करने का लक्ष्य
भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त यमुना की सफाई को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था और पिछली सरकारों को यमुना पर ध्यान न देने के लिए घेरा भी था. क्योंकि इस वक्त दिल्ली में बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार भी है तो केंद्र से लेकर नगर निगम तक को यमुना सफाई में लगाने से बेहतर परिणाम आने की संभावना भी दिखाई देती है. ऐसा करने के बाद बीजेपी इसे एक मॉडल के तौर पर सबके सामने भी रखेगी.

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