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दिल्ली आकर PM मोदी और अमित शाह से मिले CM योगी, सिर्फ शिष्टाचार भेंट या बड़ा राजनीतिक संकेत?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह मुलाकात दिल्ली में हुई. प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी भेंट की. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात हुई. इन उच्च स्तरीय मुलाकातों के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.

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दिल्ली में पीएम मोदी और अमित शाह से मिले सीएम योगी (Photo: X/@myogiadityanath)
दिल्ली में पीएम मोदी और अमित शाह से मिले सीएम योगी (Photo: X/@myogiadityanath)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को दिल्ली दौरे पर हैं. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. इस मुलाकात में कई मुद्दों पर बात हुई, जिनमें यूपी बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव पर भी चर्चा शामिल थी. साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी के अगस्त में वाराणसी दौरे से जुड़े कार्यक्रमों पर भी बातचीत हुई.

आइए जानते हैं कि मुख्यमंत्री योगी के दिल्ली दौरे के क्या मायने हैं. 

क्या योगी ने दिल्ली जाकर कोई राजनीतिक संदेश दिया?

मुख्यमंत्री योगी का दिल्ली दौरा एक शिष्टाचार भेंट बताया गया, लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे एक बड़ा राजनीतिक मकसद था. कुछ समय से खबरें चल रही थीं कि योगी की मुख्यमंत्री कुर्सी खतरे में है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी का यह दिल्ली दौरा उनके राजनीतिक ताकत और पकड़ को दिखाने के रूप में देखा जा रहा है.

केशव मौर्य की मुलाकात के बाद आया योगी का दौरा

कुछ लोगों का मानना है कि हाल में ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और अमित शाह के बीच हुई मुलाकात के जवाब में किया गया है. उस मुलाकात में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई थी. इसके बाद से यूपी में नेतृत्व बदलने की अटकलें तेज हो गई थीं.

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यह भी पढ़ें: UP: काशी की सड़कों पर मीट-मांस की खुली बिक्री, योगी के दौरे में फेल हुआ निगम का सिस्टम!

ओबीसी और दलित वोटों की रणनीति

बीजेपी इस समय ओबीसी, दलित और पिछड़े वर्ग के वोटरों को ध्यान में रखकर रणनीति बना रही है. उत्तर प्रदेश में इन समुदायों की बड़ी संख्या है. कुछ लोग मानते हैं कि पार्टी इन वर्गों को संदेश देने के लिए नेतृत्व में बदलाव कर सकती है. चूंकि केशव मौर्य ओबीसी समुदाय से आते हैं, इसलिए उनके नाम की चर्चा भी हो रही है.

बीजेपी नेतृत्व की चुप्पी

हालांकि अब तक बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने योगी को हटाने या नया मुख्यमंत्री बनाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. इसलिए यह कहना जल्दबाजी होगी कि यूपी की सत्ता में बदलाव होगा या नहीं.

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