अरबपति कारोबारी दीपक भारद्वाज मर्डर केस में एक नया मोड़ सामने आया है. दिल्ली पुलिस को हत्यारों के देश छोड़कर नेपाल भागने का शक है.
पुलिस के मुताबिक हत्यारे बेहद ही शातिर हैं और मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. इससे पहले दीपक भारद्वाज के हत्यारों पर खतरा मंडराने की खबर मिली थी.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों से ये जानकारी मिली थी कि सबूत मिटाने के मक़सद से साज़िश को अंजाम देने वाले लोग शार्प शूटर्स की हत्या करा सकते हैं. पुलिस ने CCTV कैमरे में क़ैद 2 सुपारी किलर्स की पहचान मोनू और सुनील के रूप में की थी. दोनों बाहरी दिल्ली के अलीपुर इलाक़े में रहते थे.
पुलिस को डर है कि हत्यारे पकड़े गए तो वो भी बच नहीं पाएगा. पुलिस इस केस में 70 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है. गोली मारने वालों की पहचान भी हो चुकी है लेकिन अभी तक सभी कड़ियों को जोड़ने में कामयाबी नहीं मिली है.
कौन था दीपक भारद्वाज
हाईप्रोफाइल कारोबारी और बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज की गोली मारकर हत्या कर दी गई. भारद्वाज पश्चिम दिल्ली में लाजवंती गार्डन में रहते थे. दीपक का जन्म 1951 में हुआ था. 15वीं लोकसभा चुनावो के लिए वो बीएसपी की सीट से पश्चिम दिल्ली से उम्मीदवार थे. उस समय लोकसभा प्रत्याशियों में दीपक सबसे अमीर प्रत्याशी थे क्योंकि उन्होने अपनी संपत्ति में 614 करोड़ रुपये का जिक्र किया था.
62 वर्षीय दीपक भारद्वाज जाने माने करोबारी थे. उनके बिजनेस में रियल स्टेट, द्वारका में स्कूल, रियल स्टेट के तहत हरिद्वार में एक टाउनशिप प्रोजेक्ट और दिल्ली गुड़गांव में उनके होटल भी है. साउथ दिल्ली में उनका अपना फार्म हाउस है जहां उनको गोली मार दी गई.सूत्रों के मुताबिक वह विवादित प्रॉप्रटी खरीदने-बेचना का भी काम करता था.