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तेजस्वी यादव और चिराग पासवान में बढ़ती नजदीकियों से बिहार में नई पॉलिटिकल केमिस्ट्री के संकेत

सियासत में न तो स्थाई कोई दोस्त होता है और न ही दुश्मन. राजनीतिक परिस्थितियों के हिसाब से दोस्ती और दुश्मनी बदलती रहती है. 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ने और खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान की बीजेपी के साथ दूरियां बढ़ती जा रही हैं. वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से उनकी नजदीकियां बढ़ रही है.

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तेजस्वी यादव और चिराग पासवान
तेजस्वी यादव और चिराग पासवान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चिराग पासवान की बीजेपी के साथ दूरियां बढ़ रही
  • चिराग और तेजस्वी में दिख रही है सियासी केमिस्ट्री

बिहार की सियासत में शह-मात तक का खेल जारी है. एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान की एक तरफ बीजेपी से दूरियां बढ़ती जा रही हैं तो दूसरी तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ उनकी सियासी केमिस्ट्री बनती नजर आ रही है. चिराग के हर कदम पर तेजस्वी यादव साथ खड़े नजर आ रहे हैं. चाहे एलजेपी में टूट का वक्त रहा हो या फिर रामविलास पासवान के 12 जनपथ स्थित बंगले को खाली कराने का मुद्दा. इस तरह से बिहार में चिराग-तेजस्वी के बीच नए सियासी समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आक्रामक रुख अपनाते हुए चिराग ने बिहार चुनाव के दौरान एनडीए का साथ तो छोड़ा, लेकिन बीजेपी से बगावत नहीं की. खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान इन दिनों काफी नर्वस दिखाई दे रहे हैं. वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव 2020 के चुनाव के बाद अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुटे हैं, जिसके लिए वो तमाम जतन कर रहे हैं. ऐसे में तेजस्वी पूरी तरह से चिराग के संग खड़े होकर सियासी संदेश देने के साथ-साथ उन्हें साधने की कवायद भी कर रहे हैं. 

दलित वोटरों को साधने पर तेजस्वी की नजर

तेजस्वी की नजर बिहार के अगले विधानसभा चुनाव से पहले 2024 के लोकसभा चुनाव पर है, जिसके लिए वो तमाम कवायद करने में जुटे हैं, ताकि बीजेपी-जेडीयू का मुकाबला कर सकें. केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा रामविलास पासवान के बंगले को खाली कराने के विरोध और चिराग के समर्थन में तेजस्वी खड़े दिखाए दे रहे हैं. इतना ही नहीं, तेजस्वी ने अपने दूत और दलित नेता श्याम रजक को भी चिराग के पास भेजा और करीब 30 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई. माना जा रहा है कि चिराग के बहाने तेजस्वी बिहार के दलित वोटों को साधने की कवायद में है. 

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रामविलास पासवान की मूर्ति के मुद्दे पर आरजेडी का साथ

तेजस्वी ने बंगले खाली कराने का वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'ताउम्र वंचितों के हितैषी और पैरोकार रहे रामविलास पासवान जी का दिल्ली आवास खाली कराने गई केंद्र सरकार की टीम ने भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति व पद्म भूषण पासवान जी की तस्वीर को अपमानजनक तरीके से सड़क पर फेंक संविधान व दलित वर्ग का अपमान करने का कुकृत्य किया है.'

वहीं, चिराग पासवान से मिलने के बाद आरजेडी नेता श्याम रजक ने कहा, 'रामविलास पासवान की प्रतिमा पर पैर रखकर जिस तरह बर्बरता पूर्ण रवैया अपनाया गया है, उससे हम लोगों को दुख पहुंचा है.' हालांकि, जब उनसे चिराग से मिलने आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. केवल इतना ही कहा कि जो भी हुआ है, बीजेपी के इशारे पर हुआ है. दिल्ली में बीजेपी की सरकार है. इस बात को चिराग पासवान भी समझ रहे हैं. साथ ही आरजेडी नेता ने यह बात जरूर कह दी कि आगामी लोकसभा चुनाव में वे सभी एक साथ मिलकर पूरी तैयारी के साथ एनडीए को हराने का काम करेंगे. इससे साफ है कि आरजेडी 2024 के चुनाव के लिए सियासी समीकरण बनाने में जुट गई है. 

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चिराग भी तेजस्वी के प्रति नरम दिखे

वहीं, इस मुलाकात पर चिराग पासवान ने कहा कि हर मुलाकात के राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए, श्याम रजक से साथ हमारे पुराने संबंध रहे हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र में जो मंत्री बैठे हैं चाचा पारस जी वे उसी सरकार में हैं जिस सरकार ने मेरे पिता जी की तस्वीरों को फेंका, पांव तले रौंदा. चिराग ने कहा कि इस तरह के अपमान के बाद मंत्री पद के लालच में चाचा पशुपति पारस चुप है जबकि तेजस्वी से लेकर मांझी तक दुख जता रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि पासवान समाज को यह देखना चाहिए कि रामविलास पासवान के साथ ऐसे सलूक पर चाचा पारस का ऐसे चुप रहना क्या ठीक है? वहीं, चिराग पासवान का एक आडियो (कॉल रिकार्डिंग) भी तेजी के साथ वायरल हो रहा है. जिसमें वे वैशाली में किसी कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं. इसमें वे इशारों-इशारों में वैशाली से आरजेडी उम्मीदवार सुबोध राय को समर्थन देने की बात कह रहे हैं.

यानी देखा जाए तो तेजस्वी और चिराग दोनों खेमों की तफ से ही कदम बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन अभी खुलकर हाथ नहीं मिला रहे हैं. 

लालू भी चाहते हैं तेजस्वी और चिराग का मिलन

दरअसल, चाचा पशुपति पारस-भतीजे चिराग पासवान के बीच हुई अनबन और पार्टी में टूट के बाद, जब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से सवाल किया गया था कि क्या तेजस्वी और चिराग का गठबंधन होगा. इसपर लालू यादव ने स्पष्ट कहा था कि हमारे लिए तो एलजेपी के नेता चिराग पासवान ही रहेंगे. लालू यादव ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि उनके बेटे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान के साथ बिहार में गठबंधन करें. वे चाहते हैं कि दोनों एक साथ दिखाई दें. 

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एलजेपी में टूट और बंगला खाली होने के बाद चिराग पासवान की बीजेपी के साथ भविष्य में दोस्ती की उम्मीदें लगभग खत्म होती दिख रही है. इसकी वजह यह भी है कि बीजेपी ने एलजेपी का नेता चिराग को मानने के बजाय पशुपति पारस को माना है और केंद्र में उन्हें ही मंत्री बनाया है. इसके बाद 12 जनपथ बंगला खाली करा लिया गया है, जिसे रामविलास पासवान स्मारक बनाने की मांग चिराग पासवान कर रहे थे. इन तमाम घटनाक्रमों के बीच चिराग पासवान ने जिस तरह का रुख अपनाया है, उससे तेजस्वी यादव को दोस्ती की नई उम्मीद दिख रही है. 

चिराग को तेजस्वी का सकारात्मक संदेश

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने हर कदम पर खड़े होकर चिराग पासवान के लिए सकारात्मक संदेश दिए हैं. तेजस्वी ने उनका साथ देते हुए कहा कि बीजेपी ने चिराग के साथ अन्याय किया है. तेजस्वी ने चिराग के दुख को बड़ा बताया और कहा कि इस समय उनके साथ खड़े होने की जरूरत है.

इस तरह तेजस्वी ने अपने कदम बढ़ाने के बाद श्याम रजक के जरिए उसे मजबूती देने में जुटे हैं ताकि भविष्य में नए राजनीतिक समीकरण और गठजोड़ बनाए जा सकें. तेजस्वी की नजर बिहार में दलित वोटों पर है, जिसके लिए वो तमाम कवायद कर रहे हैं. इसी कड़ी में चिराग के कदम से कदम तेजस्वी मिलाते नजर आ रहे हैं.

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