Weight Loss Injection: मोटापे से आज हर दूसरा इंसान परेशान है और ये धीरे-धीरे बड़ी समस्या बनता जा रहा है. बच्चे लेकर बड़े तक हर कोई मोटापे का शिकार है जो उनके शरीर के साथ-साथ सेहत को भी खराब कर रहा है. इसी वजह से लोग बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिए लोग जिम में एक्सरसाइज और डाइटिंग भी करते हैं. वजन कम करने के लिए मार्केट में सप्लीमेंट, फैट लॉस पिल्स, पाउडर, इंजेक्शन भी आते हैं और जल्दी वजन कम करने के लालच और टाइम न होने की वजह से लोग इनका भारी मात्रा में इस्तेमाल कर रहे हैं.
पिछले कुछ समय से भारत में भी वेट लॉस करने वाली दवाइयां ऑफिशिअली रूप से लॉन्च हो चुकी हैं जिनके नाम मोनजारो और वेगोवी हैं. वहीं विदेश में ओजेम्पिक भी काफी चलन में है. हाल ही में रिसर्च में बताया गया है कि जैसे ही कोई ये वेट लॉस इंजेक्शन लगाना बंद करता है तो आपका वजन बढ़ने लगता है.
मोटापे के खिलाफ लड़ाई में सेमाग्लूटाइड (ओजेम्पिक) और लिराग्लूटाइड जैसी दवाओं को गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है. चीन के पेकिंग यूनिवर्सिटी पीपुल्स हॉस्पिटल के एंडोक्रिनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म डिपार्टमेंट के रिसर्चर हान वू एट अल ने अपनी रिसर्च में इनके रिबाउंड इफेक्ट का दावा किया है.
रिसर्चर हान वू एट अल ने 1573 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल किया था जिसमें GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (जैसे सेमाग्लूटाइड, लिराग्लूटाइड), ऑर्लिस्टैट, नाल्ट्रेक्सोन-बुप्रोपियन और फेंटेरमाइन-टोपिरामेट जैसी वजन घटाने वाली दवाइयां कम से कम 4 हफ्तों तक लोगों को दी गईं और बंद करने के बाद 4 और उससे ज्यादा हफ्तों तक उन पर नजर रखी गई.
रिसर्च में सामने आया है कि इन दवाओं को बंद करने के बाद करीब 8 हफ्ते के बाद ही दोबारा वजन बढ़ने लगता है. रिसर्च के अनुसार, ओजेम्पिक और वेगोवी जैसी दवाओं को जब लेना बंद किया जाता है तो उसका 8 हफ्ते बाद वजन दोबारा बढ़ने लगता है और ये करीबन 20 हफ्ते तक बढ़ता है. हालांकि उसके बाद 26 हफ्ते में जाकर वजन फिर से स्थिर हो जाता है.
8 हफ्ते वेट लॉस दवा लेना बंद करने के बाद उनका वजन 1.5 किलो, 12 हफ्ते दवाई बंद करने पर 1.8 किलो और 20 हफ्ते दवाई नहीं लेने पर उनका वजन 2.5 किलो बढ़ गया था. इसके 6 महीने बाद प्लेटो (Plateau) हिट होने के कारण उनका वजन स्थिर हो गया था. प्लेटो हिट होना यानी रिजल्ट मिलने की गति धीमी हो जाना या बंद हो जाना.
इस बारे में चेन्नई की कंसल्टेंट डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉक्टर नंदिता कहती हैं कि ये दिलचस्प रिसर्च है, लेकिन अन्य ट्रायल में भी रिजल्ट सेम ही आया है. चाहे आप दवाई लेना बंद कर दें, या छोड़ दें. वजन ही बढ़ेगा. भले ही लाइफस्टाइल में चेंज ही क्यों न हो.
दवाइयां लेने के बाद वजन तेजी से गिरता है और छोड़ने के बाद दोबारा बढ़ता है. मगर ये एक लेवल तक ही बढ़ता है. इस रिसर्च में ये नहीं कहा गया कि वजन घटाने वाली दवाइयां काम नहीं करती हैं. लेकिन जब तक आप इनका इस्तेमाल करते हैं तो ये बहुत अच्छा काम करती है.
बता दें कि हाल ही में दूसरी रिसर्च में ये भी सामने आया था कि हमारे सेल्स में मेमोरी होती है जो एक स्थिर वजन लाने की कोशिश करती है. इसी वजह से तेजी से वजन कम होने के बाद दवाइयों को छोड़ते ही वजन एक लेवल तक बढ़ जाता है.
बिना इंजेक्शन और वजन कम करने वाली दवाइयों के बिना भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की जरूरत है.
आप अपनी फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाएं, सुबह मॉर्निंग वॉक से लेकर रोजाना एक्सरसाइज भी करें. इसके अलावा लिफ्ट की जगह सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर दें.
वजन कम करने के लिए भूखा नहीं रहना चाहिए. बल्कि हमें एक हेल्दी डाइट फॉलो करनी चाहिए. खाने में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां और फलों का सेवन करें. इसके साथ ही फास्ट फूड से दूरी बनाएं.
वजन कम करने के लिए 7 से 8 घंटे की नींद लेना भी बहुत जरूरी है. नींद के अभाव के कारण भी वजन बढ़ता है और स्ट्रेस भी वजन बढ़ाता है. इसलिए हमें माइंडफुल डाइट और लाइफस्टाइल को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए.