मेंहदी हाथों की खूबसूरती को बढ़ा देती है, लेकिन यही मेंहदी किसी की परेशानी की वजह बन जाए तो क्या कहेंगे आप? जी हां, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एक ऐसा ही अनोखा मामला पहुंचा जहां एक बच्ची को मेंहदी की गंध से मिर्गी के दौरे पड़ने की समस्या थी. यह केस स्टडी क्लीनिकल न्यूरोफिजियोलॉजी के नवीनतम संस्करण में 23 जनवरी 2023 को प्रकाशित हुई है.
यह मामला हाल ही में सर गंगाराम अस्पताल नई दिल्ली के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में पहुंचा. पेरेंट्स का कहना था कि बच्ची को मेंहदी लगाने के बाद मिर्गी के दौरे पड़ रहे थे. इस बच्ची ने जब मेंहदी लगाई तो सबसे पहले उसे ऐंठन हुई, उसके बीस सेकेंड बाद वो गिरकर बेहोश हो गई. इससे उसकी चेतना अचानक गायब हो गई. फिर एक साल बाद दोबारा मेंहदी लगाने पर उसे ठीक इसी तरह के दो दौरे पड़े. हाल ही में उन्हें चेकअप के लिए सर गंगाराम लाया गया.
यहां न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ (कर्नल) पीके सेठी ने बच्ची के केस पर काम किया. डॉ सेठी ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि ये दुनिया में अनोखा मामला है जिसमें किसी को मेंहदी की गंध से इस तरह का असर देखा गया. वो कहते हैं कि ये रिफ्लेक्स एपिलेप्सी का एक असामान्य मामला था जहां मिर्गी के दौरे लगातार खुशबू से ट्रिगर हो जाते हैं जबकि अन्य मिर्गी के दौरे आमतौर पर अकारण होते हैं. हमारे रिपोर्ट किए गए इस केस में बच्ची को मेंहदी लगाने से लगातार दौरे हो रहे थे.
अस्पताल ने ऐसे लगाया पता
अस्पताल की सेटिंग में मरीज के दाहिने हाथ में मेंहदी लगाई गई थी. मेंहदी में एक बहुत ही विशिष्ट मिट्टी की गंध होती है. मेंहदी लगे हाथ को जैसे ही मरीज के सीने के पास लाया गया तो उसे दौरे पड़ने लगे. मरीज बेचैन हो गई जिसके बाद उसे दौरे पड़ने लग गए. उसके हाथ पैर ऐंठ गए और आंखें ऊपर को चढ़ गईं.
डॉ सेठी कहते हैं कि हमारे रोगी में दौरे केवल हाथों और पैरों पर मेंहदी लगाने से शुरू नहीं होते थे, बल्कि यह सुगंध थी जो कार्यात्मक शारीरिक नेटवर्क की उत्तेजना के रूप में काम करती थी. ये खुशबू की वजह से मिर्गी ट्रिगर करने वाला आसामान्य मामला है.
ऐसे हो रहा इलाज
इस मरीज को सोडियम वैल्प्रोएट निर्धारित किया गया और माता पिता को बच्ची को मेहंदी के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी गई. मरीज अब स्थिर है और इलाज के बाद से अभी दौरे की कोई शिकायत नहीं आई है. इस बच्ची का इलाज अभी जारी है.