scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: जयपुर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का वीडियो NRC से जोड़कर वायरल

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है. यह वीडियो 5 महीने पुराना है और राजस्थान का है जब जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (JDA) की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
असम में एनआरसी लागू होने के बाद पुलिस द्वारा लोगों को उनके घर से निकालने का वीडियो.
फेसबुक यूजर “Denzil Brown” और अन्य
सच्चाई
यह वीडियो पिछले साल जयपुर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ पुलिसकर्मी महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के साथ हाथापाई करते दिख रहे हैं. ​इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि नेशनल ​रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (NRC) के लागू होने के चलते लोगों को उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है.

फेसबुक यूजर “Denzil Brown” ने इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया है, “असम में NRC की शुरुआत हो चुकी है. वे लोगों को उनके घरों से निकाल रहे हैं. मीडिया इसे नहीं दिखाता, वे बिकाऊ हैं, इसलिए अब हमारा फर्ज है कि हम इसे शेयर करें.”

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है. यह वीडियो 5 महीने पुराना है और राजस्थान का है जब जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (JDA) की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी.

Advertisement

स्टोरी लिखे जाने तक Denzil Brown की पोस्ट को 9500 से ज्यादा बार देखा जा चुका है और 350 से ज्यादा बार यह शेयर हो चुकी है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

thumbnail_cover-pic123_012020090817.jpg

AFWA को इस वीडियो से जुड़ी कोई विश्वसनीय खबर नहीं मिली, लेकिन वीडियो में पुलिसकर्मियों के कंधे पर लगे बैज स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं, जिसकी मदद से पता चलता है कि वे राजस्थान पुलिस के जवान हैं.

thumbnail_2_012020090940.jpg

इससे जुड़े कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें ट्विटर यूजर “Bharat Prabhat Party” का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने यही वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह जयपुर के कनोटा गांव का वीडियो है जहां पुलिस ने दलितों, गरीबों और आदिवासियों के घर तोड़ दिए. यह ट्वीट 7 अगस्त, 2019 का है.

और भी सर्च करने पर हमें “ZERO NEWS” (https://www.youtube.com/channel/UC4t3jIE5w9aMcTO8q3J1xKA) नाम का एक यूट्यूब चैनल मिला जिसपर इस घटना के और भी वीडियो मौजूद थे. इन वीडियो में भी घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है कि यह घटना जयपुर के कनोटा गांव की है जहां पर अथॉरिटी की पूर्वसूचना के बगैर पुलिसकर्मियों ने घर का एक हिस्सा ढहा दिया.

Advertisement

thumbnail_3_012020091255.jpg

घटना की सत्यता की जांच के लिए हमने कनोटा पुलिस स्टेशन पर संपर्क किया जहां पर एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो कनोटा गांव में JDA की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान का है. उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई पिछले साल अगस्त में की गई थी और इसका एनआरसी से कोई लेना देना नहीं है.

कनोटा पुलिस स्टेशन की मदद से AFWA ने इंस्पेक्टर राजीव यदुवंशी से संपर्क किया जो इस कार्रवाई का हिस्सा थे और वीडियो में देखे जा सकते हैं. यदुवंशी ने हमें बताया, “कुछ लोगों ने आम रास्ते पर अतिक्रमण करके वहां पर दीवार बना दी थी. हमने वह दीवार गिरा दी जिसके बाद अतिक्रमणकारियों और पुलिस के बीच हाथापाई हुई थी.”

इस तरह पड़ताल में साफ हुआ कि जयपुर में अतिक्रमण के विरोध में हुई कार्रवाई के वीडियो को इस तरह शेयर किया जा रहा है कि जैसे असम में एनआरसी के तहत लोगों को उनके घरों से निकाला जा रहा है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement