नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के खिलाफ पूरे देश में हो रहे विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरों और वीडियो की सोशल मीडिया पर भरमार है. हालांकि, इनमें से तमाम पोस्ट ऐसी भी हैं जिनका प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं हैं.
इसी तरह 16 सेकेंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें युवक युवतियों का एक ग्रुप सड़क पर तालियां बजाकर डांस कर रहा है, तभी अचानक एक महिला आती है और एक लड़की को थप्पड़ मारती है. वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा जा रहा है, 'जब #CAA का विरोध करने वाली लड़की का अपनी मां से सामना हुआ.'
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. वायरल वीडियो करीब चार साल पुराना है और इसका CAA के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं है.
कई फेसबुक यूजर जैसे “Mohan Vishwa ” और “Sankoji Akshay Hindhu ” ने इसे एक जैसे दावे के साथ शेयर किया है. स्टोरी लिखे जाने तक Mohan Vishwa की पोस्ट को 72,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है और 2800 बार शेयर किया जा चुका है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.
इसके अलावा फेसबुक पर और भी कई लोगों ने इसी वीडियो को इसी दावे के साथ पोस्ट किया है.

AFWA की पड़ताल
कीवर्ड सर्च की मदद से हमने पाया कि यह वीडियो 2016 में वायरल हुआ था. इसके बारे में कई न्यूज वेबसाइट ने रिपोर्ट किया था. “manoramaonline.com ” और “The Indian Express ” की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना केरल के कुन्नूर जिले के पयानूर बस स्टैंड की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ कॉलेज के स्टूडेंट बस स्टैंड पर सार्वजनिक तौर पर (फ्लैश मॉब) डांस कर रहे थे, तभी अचानक एक महिला आई और स्टूडेंट के ग्रुप मेुं शामिल एक लड़की को थप्पड़ मार दिया. इस घटना के वीडियो का लंबा वर्जन कई यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है.
मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, लड़की को थप्पड़ मारने वाली महिला उसकी मां थी जो अपनी बेटी को कॉलेज में क्लास करने की जगह दोस्तों के साथ सड़क पर डांस करते देख गुस्सा हो गई थी.
2016 में जिस वक्त की यह घटना घटी और यह वीडियो वायरल हुआ, उस समय देश में सार्वजनिक तौर पर फ्लैश मॉब डांस खूब लोकप्रिय हुआ था, यहां तक कि छोटे शहरों में भी ऐसा देखने को मिला.
इस तरह पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल हो रहा वीडियो पुराना है. इसे CAA के विरोध में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों से जोड़ना गलत है.