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फैक्ट चेक: पश्चिम बंगाल के ‘बाबरी मस्जिद' विवाद से इस वीडियो का नहीं है कोई कनेक्शन, ये प्रदर्शन बांग्लादेश में हुआ था

पश्चिम बंगाल में ‘बाबरी मस्जिद’ विवाद के नाम पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भीड़ पर आंसू गैस और पानी की बौछार दिखाई गई है. दावा किया जा रहा है कि ये मुर्शिदाबाद में नई बाबरी मस्जिद के समर्थकों का हाल है. आजतक के फैक्ट चेक में जानिए वीडियो की सच्चाई...

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो पश्चिम बंगाल का है जहां ये मुसलमान वहां कथित तौर पर बनने जा रही बाबरी मस्जिद का समर्थन करने के लिए इकट्ठा हुए थे लेकिन इनका ये हाल कर दिया गया. 
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
इस वीडियो का बंगाल के बाबरी मस्जिद वाले विवाद से कोई संबंध नहीं है. ये बांग्लादेश का वीडियो है. 

पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव हैं और राज्य में इस समय ‘बाबरी मस्जिद’ का मुद्दा गर्माया हुआ है. क्योंकि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस से निकाले गए विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' के नाम पर एक मस्जिद की नींव रखी थी. 

बीबीसी के मुताबिक, उन्होंने सैकड़ों समर्थकों के साथ प्रतीकात्मक तौर पर फीता काटकर मस्जिद की नींव रखी. 4 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस ने हुमायूं को ये कहकर पार्टी से निष्कासित कर दिया था कि वो सांप्रदायिक राजनीति कर रहे हैं.

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें किसी सड़क पर लोगों की भारी भीड़ दिख रही है. अचानक वहां एक धमाका होता है और धुंआ उठने लगता है. इसके चलते भीड़ तितर-बितर हो जाती है. आखिर में भीड़ पर पानी की बौछार पड़ती दिखती है.

वीडियो को बंगाल का बताकर कहा जा रहा है कि ये मुसलमान वहां कथित तौर पर बनने जा रही बाबरी मस्जिद के लिए इकट्ठा हुए थे लेकिन इनका ये हाल कर दिया गया. 

Fact Check

वीडियो के साथ कटाक्ष किया गया है कि “बन गई बाबरी मस्जिद. अब मिला सुकून. बंगाल मै बन गई बाबरी मस्जिद”. इस कैप्शन के साथ वीडियो इंस्टाग्राम पर कई लोग शेयर कर चुके हैं. 

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लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का बंगाल के बाबरी मस्जिद विवाद से कोई संबंध नहीं है. ये बांग्लादेश का वीडियो है. 

कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो को गूगल लेंस से सर्च करने पर ये हमें 11 नवंबर के एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मिला. बाबरी मस्जिद वाला विवाद हाल में शुरू हुआ है और ये वीडियो पहले से इंटरनेट पर मौजूद है. इसलिए इसका इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं हो सकता. 

इसे 9 नवंबर को एक बांग्लादेशी फेसबुक यूजर ने भी शेयर किया था. पोस्ट के साथ उन्होंने ढाका के शाहबाग इलाके में प्राइमेरी स्कूल के टीचरों के साथ हुए बुरे बर्ताव का जिक्र किया है. 

इस क्लू की मदद से सर्च करने पर हमें इस घटना के बारे में कई रिपोर्ट्स मिलीं. टाइम्स ऑफ बांग्लादेश नाम के न्यूज पोर्टल के अनुसार, ढाका में कई जिलों से आए टीचर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रर्दशन कर रहे थे. जब प्रदर्शनकारी मार्च निकाल रहे थे तो उनकी पुलिस से झड़प हो गई. 

इस दौरान स्थिति काबू में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की. इस झड़प में लगभग 200 लोग घायल हुए थे. इस खबर में कुछ तस्वीरें इस्तेमाल की गई हैं जो वायरल वीडियो से काफी मिलती-जुलती हैं. स्पष्ट है कि वीडियो बंगाल का नहीं, बांग्लादेश का है.  

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