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डोनाल्ड ट्रंप के गढ़ में तबाही मचा रहा मिल्टन तूफान, इसे लेकर क्या-क्या कंस्पिरेसी थ्योरीज फैल रही हैं?

फ्लोरिडा में मिल्टन तूफान कयामत बरपा रहा है. सबसे भयावह कैटेगरी में रखे गए इस चक्रवात को लेकर कई कंस्पिरेसी थ्योरीज भी हवा में हैं. कहा जा रहा है कि ये कुदरती नहीं, बल्कि मैन-मेड है जिसका मकसद अगले महीने होने जा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर असर डालना है. कई और थ्योरीज भी अलग-अलग तरह के आरोप लगा रही हैं.

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मिल्टन तूफान पर कई कंस्पिरेसी थ्योरीज चल रही हैं. (Photo- AP)
मिल्टन तूफान पर कई कंस्पिरेसी थ्योरीज चल रही हैं. (Photo- AP)

अमेरिका के फ्लोरिडा में लगभग 20 लाख लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं, जिसकी वजह है मिल्टन तूफान. ये तूफानों की सबसे विनाशकारी श्रेणी 5 में आता है, जिसमें हमेशा ही जान-माल का बड़ा नुकसान होता रहा. इस बार तूफान को लेकर कई कंस्पिरेसी थ्योरीज भी चल रही हैं. कथित तौर पर मिल्टन कुदरत का कहर नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश है ताकि अमेरिकी चुनावों पर असर पड़े. 

यहां हम तीन सवालों पर बात करेंगे. 

- कैटेगरी 5 तूफान क्या हैं और कितने खतरनाक हो सकते हैं. 

- मिल्टन को लेकर कौन-कौन सी कंस्पिरेसी चल रही है. 

- कुदरती आपदा के आने का चुनाव पर क्या और कैसे असर हो सकता है. 

अभी कैसी है स्थिति

गुरुवार सुबह मिल्टन तूफान फ्लोरिडा में दस्तक दे चुका. नेशनल हरिकेन सेंटर ने इसे सबसे भयावह चक्रवातों की श्रेणी में रखा है. राज्य में पिछले महीने भी हेलन हरिकेन से जबर्दस्त तबाही मची थी और 200 से ज्यादा जानें गई थीं, जो कैटेगरी 4 से था. अब आए तूफान के बारे में माना जा रहा है कि ये चक्रवात इससे भी ज्यादा तबाही ला सकता है क्योंकि ये कैटेगरी 5 या सबसे ऊपर की श्रेणी का है. हालांकि अब तक ये भविष्यवाणी के मुताबिक भयावह साबित होता नहीं दिख रहा. यहां तक कि तेज चलने वाली हवाओं की गति भी कैटेगरी 3 की ही दिख रही है. लेकिन कई बार ये हरिकेन अपना जाना-पहचाना पैटर्न बदल भी देता है इसलिए चिंता अब भी बनी हुई है. 

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hurricane milton in florida america conspiracy theory amid presidential elections in US 2024 photo- Getty Images

क्या होता है कैटेगरी 5 में 

तूफानों की श्रेणी सफिर-सिम्पसन हरिकेन विंड स्केल के आधार पर तय होती है. यह स्केल हरिकेन की तेजी और उसके हवा की गति को बेस पर उसे 1 से 5 तक श्रेणी देता है. हवा की गति जितनी ज्यादा होगी, हरिकेन भी उतनी ही ऊंची कैटेगरी में यानी विनाशकारी माना जाएगा. कैटेगरी 5 हरिकेन की स्पीड ढाई सौ किमी प्रति घंटा या उससे भी ज्यादा हो सकती है. हवा की जद में आने वाली इमारतें टूट जाती हैं, गाड़ियां हवा में फिंक जाती हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह से तबाह हो जाता है. इस दौरान बिजली और कम्युनिकेशन भी ध्वस्त हो जाता है. फिलहाल मिल्टन से बचाव के लिए फ्लोरिडा में 9 हजार नेशनल गार्ड्स और 50 हजार बिजली कर्मचारी स्टैंडबाय पर हैं. 

कंस्पिरेसी थ्योरी भी उतनी ही तूफानी

एक तरफ चक्रवात ने आफत मचाई हुई है, तो दूसरी ओर कंस्पिरेसी थ्योरीज की भी लहर चल पड़ी है. हाल में रिपब्लिकन लीडर मार्जोरी टेलर ग्रीन ने कहा कि ये सच है कि वे वेदर पर भी कंट्रोल कर सकते हैं. कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता. यही बात सोशल मीडिया पर भी कही जा रही है कि मिल्टन अपने-आप नहीं आया, बल्कि लाया गया है.

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हालांकि नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने तुरंत ही इसे खारिज कर दिया, ये कहते हुए कि इतने भारी तूफान को मैन-मेड कहना गलत है. रॉयटर्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, NOAA के डायरेक्टर हॉवर्ड डायमंड ने कहा कि इंसानों के पास मौजूद कोई भी तकनीक हरिकेन्स को पैदा, खत्म या बदल नहीं सकती. 

कंस्पिरेटर्स के पास इसकी भी काट है. एक तबका ये कह रहा है कि यूएस मिलिट्री के पास मौजूद रिसर्च सिस्टम हार्प के पास वो ताकत है जो मौसम में घट-बढ़ कर सके. हार्प पर ये आरोप लगभग डेढ़ साल पहले तुर्किए में आए भूकंप के बाद भी लगा था. वहां के लोगों ने कहा था कि तूफान अमेरिका-मेड है. हालांकि इन दावों की सच्चाई कभी साबित नहीं हो सकी. 

hurricane milton in florida america conspiracy theory amid presidential elections in US 2024 photo- AP

तूफान मैन-मेड क्यों है, इसपर अलग-अलग कारण दिए जा रहे हैं. आपदा में मदद करने वाली सरकारी एजेंसी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) पर आरोप है कि वो पीड़ितों की मदद करने की बजाए उन्हें लोन दे रही है. फेमा ने भी इससे इनकार करते हुए कहा कि वो इमरजेंसी के लिए दिए गए पैसों को कभी वापस नहीं लेती. 

क्या तूफानों के इलेक्शन पर कोई असर हो सकता है

हां. हरिकेन की वजह से चुनाव पर सीधा असर हो सकता है, जैसे किसी इलाके में मौसम खराब रहे तो  यह वोटिंग टर्नआउट गड़बड़ा सकता है. फ्लोरिडा चूंकि ट्रंप की तरफ झुका हुआ है, लिहाजा कंस्पिरेसी फैलाने वालों को जमीन मिल चुकी. वे तर्क दे रहे हैं कि इस एक ही राज्य में अगर वोटिंग टर्नआउट पर असर पड़े तो नतीजों पर फर्क पड़ेगा. बता दें कि अब तक फ्लोरिडा में हुए पोल्स में ट्रंप को हैरिस से 14% तक आगे दिख रहे हैं. हैरिस के पक्ष में जहां 41% लोग हैं, वहीं ट्रंप के हिस्से 55% मतदाता आ सकते हैं. ये पोल न्यूयॉर्क टाइम्स और सिएना कॉलेज ने किए थे. 

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क्या चक्रवात भी मैन-मेड हो सकते हैं

इस बारे में कुछ भी पक्का नहीं कहा जा सकता. मौसम पर काम करने वाली अमेरिकी, बल्कि लगभग सारे ही बड़े देशों की एजेंसियां काफी खुफिया ढंग से काम करती हैं. देश एक-दूसरे पर वेदर मॉडिफिकेशन के आरोप लगाते और झुठलाते भी आएं. हालांकि तकनीकों के जरिए कुछ तो छेड़छाड़ जरूर हो सकती होगी. तभी इसपर यूनाइटेड नेशन्स काफी पहले अलर्ट हो चुका था. अक्टूबर 1987 में यूएन ने ENMOD (प्रोहिबिशन ऑफ मिलिट्री ऑर एनी अदर होस्टाइल यूज ऑफ इनवायरनमेंटल मॉडिफिकेशन टेक्नीक्स) ड्राफ्ट किया, जो कहता है कि कोई भी देश मौसम के जरिए दूसरे देश को परेशान नहीं कर सकता है.

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