कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा है कि बीजेपी का चुनाव जीत जाने का ये मतलब नहीं है कि उसे ब्लैंक चेक मिल गया है. उन्होंने कहा कि हम चुनाव हारे हैं तो पूरी विनम्रता से इसकी जिम्मेदारी लेते हैं, लेकिन क्योंकि हम चुनाव हारे हैं और भाजपा चुनाव जीत गई है, इसका ये मतलब नहीं है कि उनको ब्लैंक चेक मिल गया है और वो जो मर्जी वो करें.
केंद्र को घेरते हुए सचिन पायलट ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कैसे होगी, उसमें परिवर्तन कर दिया गया है, आप SIR के समय को लेकर जबरदस्ती करना चाहते हैं, देश में सैकड़ों BLO अपनी जान दे रहे हैं, क्यों कर रहे हैं, कौन सा दवाब है उनपर. क्या इस पर बात हुई.
कांग्रेस अगर चुनाव हारती है तो हम जनता का जनादेश मानते हैं लेकिन अगर हमको कहीं प्रमाण मिलता है, गलती दिखती है तो क्या हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती है कि हम इस मुद्दे को उठाएं.
कांग्रेस नेता पायलट ने चर्चा के दौरान कहा कि आप वो आंकड़ा दिखाइए कि बीजेपी कितने स्थानों पर जीरो है. बीजेपी सत्ता में होने के बावजूद दक्षिण के कई राज्यों में खाता नहीं खोल पाई है. बीजेपी केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु में कितना है ये बताइए. शून्य पर हैं. जीतना-हारना लगा रहता है. पाकिस्तान-अफगानिस्तान में लोकतंत्र की क्या स्थिति है. दुनिया के लोग कहां के लोकतंत्र का हवाला देते हैं. भारत का उदाहरण देते हैं. क्यों देते हैं. क्योंकि यहां सरकार और विपक्ष दोनों है.
पायलट ने आगे कहा कि, 'जब सन 1984 के बाद बीजेपी के 2 सांसद थे तो क्या राजीव गांधी ने बोला था कि मैं बीजेपी को खत्म कर दूंगा. कभी कहा था कि मैं उन्हें विपक्ष का नेता नहीं बनने दूंगा. वाजपेयी जी का उन्होंने विदेश में भेजकर ऑपरेशन करवाया. विपक्ष को सम्मान दिया. ताकत के बल पर लोकतंत्र नहीं चलता है. कमियां होगी तभी हारे हैं, लेकिन सवाल को झूठला देना, दबाव की राजनीति करना ये कहां तक उचित है. संसद में 150-150 सांसदों को बर्खास्त कर दें. चर्चा न होने दें. ED-CBI पुलिस. आज देश में ये सब हो रहा है.'
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस की सोच लिबरल, डेमोक्रेटिक और समावेशी प्रकृति की रही है. हम सब आर्थिक प्रगति चाहते हैं. देश में किसान परेशान है, बेरोजगारी है, हम आने वाली पीढ़ी को बेहतर मुल्क देकर जाना चाहते हैं. ये हमारी पार्टी की सोच है.
कांग्रेस की हार वजहों को बताते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव की हार जीत में कई बातें आती है. बुनियादी तौर पर निष्पक्ष चुनाव आविश्यक है. आज की लड़ाई इतनी ज्यादा नीचे तक चली गई है कि हर बूथ पर ग्राम पंचायत जैसी वोटिंग होती है. चुनाव जीतने के लिए संगठन जो होना चाहिए वो कांग्रेस के पास नहीं है, बीजेपी के पास है, इसमें स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है. हरियाणा में हमारी कमी रही. इसे मैं स्वीकार करता हूं. लेकिन हम बिना संगठन के भी बीजेपी के नजदीक थे.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में विचारधारा का प्रश्न साफ है एक संघ की विचारधारा है, एक कम्युनिस्ट पार्टी की है, एक गांधी-नेहरू की है. विविधताओं के बावजूद हमारा देश एक है. सब एक होकर देश में संविधान के तहत मिलकर कर काम कर रहे हैं.