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'दिल्ली जैसी सोच मैं गुवाहाटी में नहीं रख सकता', मुस्लिमों के प्रति अपने नजरिये पर बोले सीएम हिमंता

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एजेंडा आजतक 2025 मंच पर राज्य के डेमोग्राफिक बदलाव और घुसपैठियों के मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में दिल्ली जैसी सोच लागू नहीं हो सकती, क्योंकि असम का बांग्लादेश से अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करना इसे अलग बनाता है.

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CM हिमंता ने कहा- असम की डेमोग्राफी पर हुआ अटैक. (photo: ITG)
CM हिमंता ने कहा- असम की डेमोग्राफी पर हुआ अटैक. (photo: ITG)

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एजेंडा आजतक 2025 के मंच पर राज्य के कई मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे. उन्होंने घुसपैठिए पर बोलते हुए कहा कि आप दिल्ली जैसी उदारवादी सोच मैं गुवाहाटी में नहीं रख सकता हूं, क्योंकि हमारा राज्य बांग्लादेश से अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर साझा करता है.

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि असम डेमोग्राफी बदलाव से गुजर रहा है जो पहले हमारी डेमोग्राफी में 90% हिंदू थे और 10 प्रतिशत मुसलमान थे, पर आज राज्य में 40 प्रतिशत मुसलमान हैं और 60 प्रतिशत हिंदू हैं. इस स्थिति में आपके सोचने का भी तरीका भी थोड़ा उल्टा हो जाएगा.

'दिल्ली जैसी सोच से गुवाहाटी में नहीं चलेगी'

उन्होंने कहा कि आप जैसा दिल्ली में सोचते हैं, वहीं सोच में गुवाहाटी में नहीं रख सकता हूं. उन्होंने दावा किया कि राज्य में 1976 से मुसलमानों का आबादी 4 से 5% बढ़ रही है. हम इस समस्या का सामना कर रहे हैं.

एक दिन आप खत्म हो जाएंगे- सरमा

जब उनसे पूछा गया कि इससे क्या होगा. इसके जवाब में सरमा ने कहा, अगर ऐसी स्थिति रहेगी तो हम एक दिन खत्म हो जाएंगे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट बयान का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है ये डेमोग्राफी पर अटैक है और ये सब एक प्लान के तहत हो रहा है.

मुस्लिमों के प्रति अपने नजरिए पर सरमा ने खुलकर कहा कि 'मिया मुसलमान' उन्हें वोट नहीं देते, भले वे कितना भी अच्छा काम करें. जब उनसे पूछा गया कि ऐसी सोच क्यों हैं तो उन्होंने कहा कि उनकी सोच भी सही हैं, क्योंकि मैं उन लोगों के लिए उस तरह से काम नहीं करता. 

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उन्होंने बताया, 'कई लोगों ने कहा कि जरूरत पड़े तो किडनी दे देंगे, लेकिन वोट नहीं.'  उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि वे फॉरेस्ट की जमीन पर कब्जा करते हैं, उन्होंने 10 लाख एकड़ जमीन पर कब्जा रखी है, जिसे खाली कराना मेरी जिम्मेदारी है. मुझे उनको जेल भेजना है. मैं ये सब काम करता हूं तो वो लोग मुझे कैसे वोट देंगे.
 

बहुविवाह का कानून

सरमा ने बहुविवाह के खिलाफ कानून का जिक्र किया, जिसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है. बहुविवाह करने वालों को जेल भेजना भी उनका दायित्व है. उन्होंने कहा कि ये भावनात्मक रूप से बहुत परेशान करता है. सरकार ने इस लिए कानून बनाया है. 

उन्होंने कहा कि मोदी जी के शासन में सब कुछ समान हो जाएगा- जमीन कब्जा नहीं होगा, सब एक शादी करेंगे, बेटियों को संपत्ति का अधिकार मिलेगा. 10 साल बाद ये एलिमेंट्स न्यूट्रलाइज हो जाएंगे और वे भाजपा को वोट देंगे.

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