दामिनी के शेट्टी टीवी इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम बन चुकी हैं. बता दें, दामिनी ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत महज 16 साल की उम्र में कर दी थी. श्री-कृष्ण में यशोदा बनीं दामिनी का इस किरदार के पीछे हामी भरने का कारण जान आप भी हैरान हो जाएंगे.
आजतक डॉट इन से बातचीत के दौरान दामिनी ने बताया, मैंने जब अपने परिवार को कहा कि मुझे एक्टिंग करनी है, तो बस मेरे माता-पिता को छोड़ सभी फैमिली मेंबर्स अगेंस्ट थे. वे नहीं चाहते थे कि उनके परिवार की कोई लड़की एक्टिंग करें. हालांकि मेरे पापा-ममी ने हमेशा सपोर्ट और इनकरेज किया.
बिग बॉस 15 में इन 4 सदस्यों ने कंफर्म की सीट, उमर रियाज के साथ ये सेलेब्स आएंगे नजर
रिस्क लेकर भरी थी हामी
दामिनी आगे कहती हैं, हालांकि मेरे अंदर ये प्रेशर जरूर था कि परिवार के अगेंस्ट जाकर मेरे पैरेंट्स ने मुझे सपोर्ट किया है, तो मैं कभी उनका सिर झुकने न दूं. ऐसे में जब मेरे पास श्री कृष्णा में यशोदा का ऑफर आया, तो मैंने झट से हामी भर दी कि परिवार वाले थोड़ा खुश हो जाएंगे. हालांकि उस वक्त 16 साल की उम्र में अपने से तीगुने का किरदार निभाना किसी भी एक्टर के लिए रिस्क की बात होती है.
KBC 13: प्रांशु त्रिपाठी ने किया एक करोड़ के सवाल पर खेल क्विट, यह था प्रश्न
दादी मां के किरदार होते थे ऑफर
दामिनी ने कहा, जिसका खामियाजा कुछ समय के लिए भुगतना भी पड़ा. उस दौरान प्रोड्यूसर्स मेरे पास मां-दादी का रोल लेकर आते थे. मुझे हंसी भी आती थी कि आप मेरी उम्र देखें और किरदार की उम्र देखें. ऐसे में वे कहते थे कि आपने तो यशोदा का किरदार भी एक्सेप्ट कर लिया था. इस दौरान रामानंद सागर जी ने मुझे अलीफ लैला ऑफर की, जिसमें मुझे राजकुमारी का किरदार करना था. ऐसे में कुछ समय बाद मुझे लोगों ने टाइपकास्ट करना बंद कर दिया था.
किरदार ने जिम्मेदारी बढ़ा दी थी
दामिनी बताती हैं, यशोदा के किरदार के दौरान खुद ब खुद ही सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी सी आ गई थी. इस दौरान मैं सजग रहती थी कि कहीं कुछ ऐसा न करूं, जिससे फैंस की सेंटीमेंट को चोट पहुंचे. वो दौर भी काफी अलग था.
फैंस से डरकर मर्द बन घुमने लगी थी
फैंस संग मजेदार किस्सा सुनाते हुए दामिनी कहती है, लोग मुझे असल में यशोदा मां समझने लगे थे. कई तो आकर मुझे अपना दुख बताकर सॉल्यूशन मांगा करते थे. इतना ही नहीं कई बड़े-बुजुर्ग आकर मेरे पांव छू लिया करते थे, जो काफी बुरा लगता था. एक बार मैं दिल्ली के एक मेले में गई थी, वहां लोग मेरे पीछे पड़ गए थे और काफी भीड़ हो गई थी. मैं फौरन वहां से भागकर निकल आई. अगले दिन मेले में जाने से पहले मैंने एक दाढ़ी-मूंछ लगाकर मर्द बनकर चल गई. उस दिन इस बात की खुशी हो रही थी कि कोई मुझे पहचानता नहीं है.