फिल्म का नाम: शानदार
डायरेक्टर: विकास बहल
स्टार कास्ट: शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, पंकज कपूर, सना कपूर, संजय कपूर , सुषमा सेठ
अवधि: 145 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 2 स्टार
'क्वीन' की अपार सफलता के बाद डायरेक्टर विकास बहल ने अपनी अगली फिल्म 'शानदार' डायरेक्ट की है. फिल्म में 'हैदर' के बाद शाहिद कपूर और 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' के बाद आलिया भट्ट दिखाई दे रही हैं और पहली बार शाहिद और आलिया की जोड़ी पर्दे पर एक साथ काम कर रही है, अब इतने सारे हुनर की मौजूदगी में क्या यह फिल्म सफलता के परचम को लहराएगी?
कहानी
यह कहानी यूरोप में दो बड़े घरानो के बीच हो रही 'बिग फैट वेडिंग' की है. दुल्हन के घराने में मिसेस कमला अरोड़ा (सुषमा सेठ) हैं जो अरोड़ा फैमिली की
दादी होने के साथ-साथ पूरी प्रॉपर्टी की एकलौती मालकिन हैं और सबको नौकर की तरह ट्रीट करती हैं चाहे वो उनके तीन बेटे बिपिन (पंकज कपूर) , विपुल
और विनय ही क्यों ना हो. वहीं दूसरे घराने के मालिक सिंधी बिजनेसमैन मिस्टर हैरी फंडवानी (संजय कपूर) हैं जो दूल्हे के भाई हैं और उनका पूरा
खानदान सोने के कपड़ों से जड़ा होता है.
बिपिन की बेटी ईशा (सना कपूर) की शादी हैरी के भाई रॉबिन से होने जा रही है. इस बीच शानदार वेडिंग को ऑर्गनाइज कर रहे जगजिंदर जोगिन्दर (शाहिद कपूर) की मुलाकात बिपिन की बेटी आलिया (आलिया भट्ट) से होती है, दोनों को रात में ना सो पाने की बीमारी यानी इन्सोम्निया है. बिपिन पूरे दिल से जगजिंदर से नफरत करता है क्योंकि वो जगजिंदर को अपनी बेटी आलिया के लायक नहीं समझता. अब इस शानदार शादी के दौरान कई घटनाएं घटती हैं और फिल्म को अंजाम मिलता है, क्या बिपिन अपनी बेटी आलिया और जगजिंदर के इश्क को हरी झंडी दिखाते हैं या मना कर देते हैं? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
स्क्रिप्ट
डेस्टिनेशन वेडिंग पर आधारित फिल्म की स्क्रिप्ट को अन्विता दत्त, चैताली परमार और विकास बहल ने मिलकर लिखा है लेकिन कहानी
कभी भी, किसी तरफ डोलने लगती है, कुछ जबरदस्ती के सीक्वेंस भी रखे गए हैं जो फिल्म के दौरान बोझ से लगते हैं. 'क्वीन' जैसी आउटस्टैंडिंग कहानी
के बाद विकास बहल की यह फिल्म कमजोर लगती है. बेहतरीन लोकेशंस, उम्दा कलाकार और गजब तरह की शूटिंग तो है लेकिन कहानी कुछ भी है जो
एक वक्त के बाद बोर करने लगती है.
अभिनय
'हैदर' की सफलता के बाद एक बार फिर से चुलबुले अवतार में शाहिद कपूर नजर आते हैं लेकिन इस बार उन्होंने अपने किरदार पर अलग तरह का काम
किया है जो आपको आकर्षित करता है वहीं आलिया भट्ट ने अपनी उम्र के मुताबिक सहज अभिनय किया है. पंकज कपूर हमेशा की तरह सबसे बेहतरीन
लगे हैं और पहली बार स्क्रीन पर अभिनय करती हुई सना कपूर ने भी सराहनीय काम किया है. शाहिद और आलिया की जोड़ी पर्दे पर काफी आकर्षक
दिखाई पड़ती है और दोनों ने अपना शत प्रतिशत प्रयास किया है.
संगीत
फिल्म का संगीत अमित त्रिवेदी ने काफी अलग बनाया है, अक्सर रात में शूट किए गए गीत हैं जिन्हे विकास ने बड़ी ही सोच समझ के साथ पूरी फिल्म
में शामिल किया है.
कमजोर कड़ी
फिल्म की स्क्रिप्ट ही इसकी सबसे कमजोर कड़ी है. 'क्वीन' के दौरान कम बजट में विकास ने बहुत ही उम्दा फिल्म बनाई थी जिसे दर्शकों ने अपनाया
लेकिन इस बार बड़ा बजट होने के बावजूद भी वो बात नहीं सामने आ पाई जो विकास ने 'क्वीन' में दिखाई थी और उनकी पिछली फिल्म की तुलना होना
लाजमी है. अच्छी एक्टिंग है, विजुएल ट्रीट है लेकिन कहानी ने असल में रायता फैला दिया है.
क्यों देखें
अगर आप आलिया भट्ट, शाहिद कपूर के सबसे बड़े फैन हैं तो यह फिल्म जरूर देखें और अगर आप विकास बहल की 'क्वीन' के दीवाने हैं तो उसके
मुकाबले यह फिल्म आपको निराश कर सकती है.