फिल्म का नाम: प्यार का पंचनामा 2
डायरेक्टर: लव रंजन
स्टार कास्ट: कार्तिक आर्यन, नुशरत भरुचा, सनी सिंह निज्जर, सोनाली सहगल, ओंकार कपूर और इशिता शर्मा
अवधि: 136 मिनट
सर्टिफिकेट: ए
रेटिंग: 3.5 स्टार
डायरेक्टर लव रंजन ने साल 2011 में 'प्यार का पंचनामा' फिल्म बनाई, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया. 2 साल बाद 'आकाश वाणी' भी लेकर आए जिसे जनता ने नकार दिया और अब प्यार का पंचनामा 2 रिलीज हुई है. क्या पहले पार्ट की ही तरह इस फिल्म में भी पुरुषों पर हो रहे प्यार भरे अत्याचार को दर्शक पसंद करेंगे?
कहानी
यह कहानी है तीन दोस्तों अंशुल 'गोगो' (कार्तिक आर्यन) , सिद्धार्थ उर्फ 'चौका' (सनी सिंह) और तरुण उर्फ ठाकुर (ओंकार कपूर) की, जिनकी जिंदगी में क्रमशः रुचिका उर्फ चीकू (नुशरत भरुचा), सुप्रिया (सोनाली सहगल) और कुसुम (इशिता शर्मा) नाम की लडकियां हैं. अब इन तीन कपल्स की जिंदगी किस तरह से इश्क मोहब्बत प्यार से गुजरती है और किन-किन बातों से लड़कों को लड़कियों की उपस्थिति परेशान करती है, उसे फिल्म में दर्शाया गया है.
स्क्रिप्ट
फिल्म की स्क्रिप्ट को पुरुषों के दर्द से प्रेरित ही रखा गया है. एक बार फिर से रोजमर्रा की जजिंदगी में होने वाली घटनाओ को कलम से उतारकर पर्दे पर दिखाने की कोशिश की गई है. लड़कियों को क्या पसंद है और किस बात पर उनका मूड कब खराब हो जाए, इसको भी अलग-अलग संवादों के आधार पर बयान किया गया है. पिछली वाली फिल्म की तरह ही इस बार भी एक बड़ा मोनोलॉग है जिसे कार्तिक तिवारी परफॉर्म करते हुए नजर आते हैं. फिल्म में किरदारों के नाम भी काफी अलग हैं जैसे गोगो, चौका और ठाकुर. फिल्म का प्लॉट पिछली फिल्म से ही मिलता-जुलता है लेकिन इस बार कहानी को आउटडोर के नजारे और सजाते हैं. तीनो कपल्स के मिलने से लेकर उनके बीच इश्क पनपने और नोक-झोंक के अलग अलग फ्लेवर भी देखने को मिलते हैं. आजकल की तेज तर्रार जिंदगी में कपल्स के जीवन को मद्देनजर रखकर यह कहानी लिखी गई है.
एक्टिंग
तीनों जोड़ियों ने अभिनय अच्छा किया है और डायरेक्टर ने जो भी फ्लेवर इन तीनों जोड़ियों को दिया है उस दायरे में परफॉर्मेंस भी दिखाई पड़ती है. जहां एक तरफ कार्तिक और नुशरत के कपल वाले किस्से हैं जिसे दोनों ने किरदार में रह कर बखूब निभाया है वहीं सनी सिंह की कॉमेडी से भरे संवाद और अभिनय भी हंसाते हैं. सोनाली सहगल और इशिता शर्मा और ओंकार का अभिनय सराहनीय है. फिल्म एक एडल्ट कहानी है जिसकी वजह से ग्लैमरस शॉट देने के लिए भी तीनों अभिनत्रियों ने काफी सहज काम किया है.
म्यूजिक
फिल्म का संगीत तीनों कपल्स के हिसाब से रखा गया है हालांकि कुछ गीत अगर नहीं होते तो फिल्म की रफ़्तार और भी तेज होती.
कमजोर कड़ी
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी लंबाई है, अगर इक्का-दुक्का गीतों या सीक्वेंस को छोटा रखा जाता तो शायद फिल्म और भी क्रिस्प और कट-टू-कट होती.
क्यों देखें
अगर आप एडल्ट हैं और किसी रिलेशनशिप में या शादीशुदा हैं तो यह फिल्म एक बार जरूर देख सकते हैं क्योंकि एक्टर्स की एक्टिंग देखकर आप बिल्कुल नहीं कह सकते कि वो अपनी कला में माहिर नहीं हैं.