'प्यार का पंचनामा 2' के एक्टर कार्तिन आर्यन ने अपनी इस रोमांटिक फिल्म और रियल लाइफ में प्यार के फंडे के बारे में कई बातें शेयर कीं.

'प्यार का पंचनामा' की सिर्फ आपकी जोड़ी ही 'प्यार का पंचनामा 2' में भी हैं. अपनी कौन सी खूबी देख रहे हैं ?
'प्यार का पंचनामा 2' में भी बने रहने का कारण ये हो सकता है की पार्ट 2 में ऑन स्क्रीन हमारी केमिस्ट्री लोगों को अच्छी लगी थी. पहले पार्ट में
मेरा एक लम्बा मोनोलॉग था, जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया था. इस फिल्म में भी ऐसा कुछ है, तो हो सकता है लव सर ने कुछ सोचा हो कि यही बंदा
अच्छा रहेगा. इस तरह कई कारण हो सकते हैं, जिससे उनको लगा हो कि हमारी जोड़ी पार्ट 2 को बढ़ावा देगी. उनकी दूसरी फिल्म 'आकाशवाणी' में भी हम
थे. तो शायद बतौर कलाकार हमने उनका कुछ विश्वास हासिल कर लिया है. केवल एक-दो को छोड़कर बाकी पूरी टीम वही है.
एक एक्टर के रूप में मैं अपनी हर फिल्म को पहली फिल्म की तरह लेता हूं. 'प्यार का पंचनामा 2' के नैरेशन के समय ये ख्याल आया था कि यार ये पहले वाली से कितनी अलग होगी या लोग इसमें पहले वाली कौन सी बात ढूंढेंगे. लेकिन उसी समय ये क्लीयर हो गया था कि यह रिपीट फिल्म नहीं है. जब आप किसी अच्छी फिल्म का हिस्सा होते हैं तो एक आत्मविश्वास आ जाता है और ऐसी सोच आ जाती है कि फिल्म की कमाई का रिजल्ट चाहे जो हो. मुझे खुशी है कि मैंने अच्छी फिल्म की है. ऐसे में जिम्मेदारी या तनाव वाली कोई बात नहीं है. ट्रेलर से मिले रिस्पॉन्स से मुझे ऐसा लगा है कि लोगों में 'प्यार का पंचनामा 2' देखने की इच्छा है.
आपका किरदार क्या है?
मुझे सब गोगो बुलाते हैं, किरदार का नाम तो अंशुल है स्ट्रांग कैरेक्टर है. गोगो आत्मविश्वासी और स्पष्ट ख्यालात का मस्तीखोर है. तीन दोस्तों में
वह अच्छा कमा रहा है, उसके पास अच्छी गाड़ियां हैं. लेकिन जब वह एक रिलेशनशिप में पड़ता है. तो उसके साथ उस रिश्ते के कारण क्या-क्या अन्याय
होता है. उसे दोस्तों के साथ मस्ती के लिए समय नहीं मिल रहा है और उसकी गर्ल फ्रेंड क्या-क्या उसे सिखाती है. यही सब है.

बीटेक की पढ़ाई के बीच अभिनय का निर्णय लेते समय दिल और दिमाग के बीच लड़ाई भी हुई होगी?
फिल्म लाइन से मेरा दूर-दूर तक नाता नहीं हैं. मेरे माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं. मैं एक्टर की जिन्दगी के बारे में सोचा करता था कि वे कैसे रहते
होंगे. 10वीं में था जब पहली बार एक्टर बनने का ख्याल आया. लेकिन किसी को बताया नहीं. मेरे लिए दो ही रास्ते थे डॉक्टर या इंजीयरिंग. क्योंकि मेरे
दोनों भाई इसी लाइन में हैं. मैं इंजीयरिंग की तैयारी करने जा रहा हूं यह कह कर दिल्ली आ गया और ऑडिशन भी ढूंढता रहा. मुंबई जाने का रास्ता
बनाया और नवी मुंबई के एक कॉलेज में बी टेक में एडमिशन ले लिया. यहां एक्टिंग क्लासेस भी गया. फेसबुक पर मैंने एक कॉस्टिंग डायरेक्टर से संपर्क
किया और ऑडिशन दिया और सेलेक्ट हो गया. उसके बाद मैंने ये बात मम्मी को बताई तो कुमार जी के ऑफिस में मेरी मम्मी और मौसी के साथ मेरी
मीटिंग हुई. वो लोग मम्मी को मेरा ऑडिशन दिखाकर उन्हें गर्व महसूस करवा रहे थे. लेकिन मम्मी और मौसी एक-दूसरे को देख रही थीं. दोनों शॉक्ड थीं.
फिर मम्मी ने कहा कि तेरी इच्छा है तो कर ले, लेकिन पढ़ाई भी पूरी करना. मैंने कांची के समय बी टेक का लास्ट इयर कम्प्लीट किया.

कार्तिक 'प्यार का पंचनामा 2' युवाओं के आधुनिक रिश्ते की कहानी है. लड़का-लड़की संबंधों में एक परीक्षा की घड़ी आती है प्रपोज करने की. ये पहल
हमेशा लड़कों को ही क्यों करनी चाहिए ?
हां यार, वो बहुत बेचैनी की घडी होती है. मेरे ख्याल से इसकी पहल तो कोई भी कर सकता है. लेकिन आमतौर पर लड़कियां चाहती हैं कि ये काम
लड़के ही करें. दूसरी तरफ वो क्वालिटी भी चाहती हैं. मैं पर्सनली बताऊं तो करनी ही पड़ती है. लेकिन मैं लड़कियों से कहना चाहूंगा कि यार हम भी शरमा
जाते हैं और कभी-कभी तो डरते भी बहुत हैं कि कैसे कहें, कहीं दोस्ती ना टूट जाए. दूसरे ये आशंका भी बनी रहती है कि कहीं ये बात अपने सर्कल में ना
कह दे फिर मेरा क्या होगा? इसमें एक गलती हमारी भी होती है कि हम अपने अंदर कुछ ज्यादा ही डर पैदा कर लेते हैं. दूसरी तरफ लड़की तो सोच रही
है कि मेरी नेल पॉलिश का कलर कैसा है और हम बेचारे सोचते हैं कि कहीं थप्पड़ ना मार दे और उसके नेल पॉलिश का कलर मेरे गाल पर ना आ जाए.