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क्या Ravi Kishan के एक्टिंग करियर के रास्ते में आती है पॉलिटिक्स? एक्टर को इस बात का मलाल

जिस साल बॉलीवुड में सुपरस्टार बन चुके शाहरुख खान ने डेब्यू किया था, उसी साल से रवि भी फिल्मों में नजर आ रहे हैं. 'तेरे नाम' हो या 'वेलकम टू सज्जनपुर' या फिर हेराफेरी, रवि ने छोटे किरदारों में भी हर बार जनता पर अपना इम्प्रेशन छोड़ा है. मगर क्या उन्हें लगता है कि उन्हें उतनी पॉपुलैरिटी मिली, जितना उनका टैलेंट है?

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'लापता लेडीज' में रवि किशन
'लापता लेडीज' में रवि किशन

आमिर खान के प्रोडक्शन में बनी 'लापता लेडीज' का ट्रेलर इन दिनों खूब चर्चा में है. और इस ट्रेलर में रवि किशन के किरदार को देखकर लोग एक बार फिर उनके फैन हुए जा रहे हैं. फिल्म में एक पुलिसवाले का रोल कर रहे रवि किशन ट्रेलर के अंत में अपने सिर्फ एक रिएक्शन और एक डायलॉग से माहौल लूट लेते हैं. 

'लापता लेडीज' में रवि किशन के इस किरदार के लिए जनता का सम्मान तब और बढ़ गया जब ये सामने आया कि आमिर खान ने खुद भी इस रोल के लिए ऑडिशन दिया था. जिस साल बॉलीवुड में सुपरस्टार बन चुके शाहरुख खान ने डेब्यू किया था, उसी साल से रवि भी फिल्मों में नजर आ रहे हैं. 'तेरे नाम' हो या 'वेलकम टू सज्जनपुर' या फिर हेराफेरी, रवि ने छोटे किरदारों में भी हर बार जनता पर अपना इम्प्रेशन छोड़ा है. 

मगर क्या उन्हें लगता है कि उन्हें उतनी पॉपुलैरिटी मिली, जितना उनका टैलेंट है? और क्या अब पॉलिटिक्स में आने के बाद, एक्टिंग उनके रास्ते में आती है? गोरखपुर से सांसद और हिंदी समेत तमिल, तेलुगू और कन्नड़ सिनेमा में भी काम कर चुके रवि किशन ने एक नए इंटरव्यू में इन सवालों के खुलकर जवाब दिए. 

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रवि को नहीं थी आमिर के ऑडिशन की खबर
ईटाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में रवि किशन ने कहा कि उन्हें बिल्कुल भी आईडिया नहीं था कि आमिर ने भी 'लापता लेडीज' में उनके रोल के लिए ऑडिशन दिया था. मगर उन्हें ये रोल मिलने की बहुत खुशी है. रवि ने बताया, 'किरण मैम को शायद ये दिखा कि मैंने श्याम मनोहर में जान डालने के लिए अपना दिल और आत्मा एक कर दी थीं. आखिरकार, ये उनका विजन है जो मैटर करता है और मैं बस खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मैं इसका हिस्सा बना.' 

रवि ने बताया कि उनके हिसाब से उनका पॉलिटिशियन होना, उनकी एक्टिंग को और बेहतर करता है. उन्होंने एक्सप्लेन किया, 'एक पॉलिटिशियन होने के नाते, मैं अपने लोगों की सेवा कर पाता हूं. ये मुझे ग्राउंड रियलिटी से जोड़े रखता है और जो बदले में मेरी एक्टिंग को बेहतर बनाता है. मुझे जो अनुभव होते हैं, वो गहरी, ऑथेंटिक परफॉरमेंस में ट्रांसलेट होते हैं.' 

रवि ने बताया कि टाइम मैनेज करना ही सबसे महत्वपूर्ण है और उनकी टीम इसका पूरा ध्यान रखती है कि उनका शेड्यूल ऐसा रहे जो वो एक्टिंग और पॉलिटिक्स दोनों पर बराबर ध्यान दे सकें. 

क्या टैलेंट के बराबर मिला सम्मान?
जब रवि से कहा गया कि लोग उन्हें तेरे नाम (2003) के समय से ही देख रहे हैं, लेकिन ये परसेप्शन है कि उन्हें उनका ड्यू नहीं मिला. तो उन्होंने कहा, 'हर प्रोजेक्ट, हर किरदार और दर्शकों के साथ उनका हर इंटरेक्शन अपने आप में एक रिवॉर्ड है. 750 से ज्यादा फिल्मों में, अलग-अलग भाषाओं में काम करने का सफर अपन आप में सबसे बड़ा सम्मान है.' 

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